मैडिटेशन क्या है, मैडिटेशन के 4 प्रकार

जब हम मैडिटेशन करते हैं तो हमारी आतंरिक शक्तियां जागृत होती है जिनका लाभ हमें जीवन के हर क्षेत्र में होता है लेकिन क्या मैडिटेशन किये बिना भी मैडिटेशन की शक्तियों का फायदा लिया जा सकता है। चलिए जानते है कि मैडिटेशन क्या है

मैडिटेशन वह दवाई है जिसके द्वारा हम अपने शरीर की सभी बीमारियों को खत्म कर सकते हैं लेकिन अधिकतर लोगों को मैडिटेशन की ताकत का अंदाजा भी नहीं है।

जिस प्रकार हम एक्सरसाइज के द्वारा अपने शरीर को मजबूत बनाते हैं। उसी प्रकार मैडिटेशन के द्वारा हम अपने दिमाग को मजबूत बनाते हैं और जो व्यक्ति दिमाग से मजबूत होता है उसके लिए सारे काम आसान होते है।

meditation kaise kare

जो व्यक्ति कुछ महीनों तक लगातार मैडिटेशन कर लेता है तो बाद में वह चाहकर भी से इसे छोड़ नहीं सकता।

मुझे मैडिटेशन करने का काफी वर्षों का अनुभव है। इसलिए मुझे मैडिटेशन के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल हो गई है। आप मेरे मैडिटेशन के अनुभव के बारे में भी पढ़ सकते है।

इस आर्टिकल में मैं आपको मैडिटेशन से जुड़ी छोटी से छोटी तथा बड़ी से बड़ी तमाम जानकारी दूंगा।

मैं आपको बताऊंगा कि मैडिटेशन क्या है, मैडिटेशन कैसे करते हैं, मैडिटेशन के प्रकार और साथ-साथ यह भी जानेंगे कि आप मैडिटेशन क्यों करना चाहते हैं आदि।

इसके साथ साथ मैं आपको यह भी बताऊंगा कि किस प्रकार कि समस्या को दूर करने के लिए कौन सा मैडिटेशन करना चाहिए।

Table of Contents

मैडिटेशन (ध्यान) क्या है

मैडिटेशन वह प्रक्रिया है जिसमें आप किसी एक ही मंत्र, वस्तु या ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करते हैं तथा खुद को जानने का प्रयास करते हैं।

आप सोच रहे होंगे कि खुद को जानने से क्या मतलब है।

देखिए पानी जब शांत होता है तभी उस में मिली हुई सारी गंदगी नीचे बैठती है। उसी प्रकार इंसान जब शांत होता है तो उसे खुद की बुराइयां दिखाई देने लगती हैं। मैडिटेशन आपके अंदर शांति पैदा करता है।

मैडिटेशन करने के लिए आपको अपने दिमाग को कण्ट्रोल करना पड़ता है अपने दिमाग को कण्ट्रोल करने के आप 10 तरीके आजमा सकते है।

meditational quote मैडिटेशन क्या है

मैडिटेशन से आपको यह एहसास होता है कि शांत रहने में जो मजा है वह बोलने में नहीं है।

आपने देखा होगा कि जो व्यक्ति लंबे समय से मैडिटेशन कर रहे हैं वह कम बोलते हैं या तभी बोलते हैं जब बहुत जरूरी होता है।

मैडिटेशन से आपको अपनी कमियों का पता चलता है जैसे गुस्सा करना, बात बात पर जोर जोर से चिल्लाना, किसी की परवाह ना करना, हमेशा खुद के बारे में ही सोचना आदि।

मैडिटेशन के द्वारा आपमें खुद को किसी दूसरे व्यक्ति के नजरों से देख पाने कि काबिलियत पैदा होती है।

उदाहरण

जब आपका कोई दोस्त किसी बात को लेकर किसी दूसरे लड़के पर गुस्सा करता है तो आपको लगता है कि उसे गुस्सा नहीं करना चाहिए था।

यह बात शांति से भी सुलझ सकती थी लेकिन आपके दोस्त को यह गलत नहीं लगता।

क्योंकि वह खुद को खुद की नजर से देख रहा है दूसरे की नजर से नहीं

लेकिन अगर वह मैडिटेशन करना शुरू कर देता है तो धीरे-धीरे खुद को दूसरों की नजर से देखना शुरू कर देगा और उसे अपनी गलती का एहसास होने लगेगा और वह धीरे-धीरे उसमें सुधार करने लगेगा।

मैडिटेशन मूर्ख इंसान को भी संत बना सकता है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मूर्ख व्यक्ति कभी भी मैडिटेशन नहीं करता।

स्वामी विवेकानंद

आप मैडिटेशन किस कारण करना चाहते हैं

मैडिटेशन कैसे करें इससे पहले यह जानना जरुरी है कि आप मैडिटेशन क्यों करना चाहते है।

मैडिटेशन कई प्रकार के होते हैं तथा उनसे अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं।

आपके अंदर ऐसी कौन सी मानसिक या शारीरिक पीड़ा है जिसको दूर करने के लिए आप मैडिटेशन करना चाहते हैं।

जब तक आप यह पता नहीं लगा लेते तब तक इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको मैडिटेशन से कोई फायदा होगा।

अब मैं आपको कुछ समस्याओं के बारे में बताऊंगा तथा कौन सी समस्या के लिए कौन सा मैडिटेशन करना चाहिए यह भी बताऊंगा।

1. विचारों की अधिकता को कम करने के लिए

विचारों की अधिकता से मतलब है कि आपके दिमाग में दिन भर इधर-उधर के विचार आना हमेशा दूसरे व्यक्तियों के बारे में ही सोचते रहना।

जैसे उसने मुझे ऐसा कहा, उसने यह किया, वह वहां गया, दिनभर एक दूसरे की चुगली करते रहना आदि।

विचारों की अधिकता से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने दिमाग को एक ही जगह केंद्रित करना पड़ेगा।

कौनसा मैडिटेशन करें : ध्यान केन्द्रित मैडिटेशन (Concentration Meditation)

2. नेगेटिव विचारों को कम करने के लिए

अगर आपके दिमाग में हमेशा नेगेटिव विचार आते हैं जैसे मैं फेल हो जाऊंगा, मेरा क्या होगा, लोग क्या कहेंगे, मैं यह कैसे करूंगा, मुझसे या नहीं होगा या किसी के प्रति अट्रैक्शन संबंधित नेगेटिव विचार आदि।

नेगेटिव विचार इंसान को तभी आते है जब इंसान में पॉजिटिविटी की कमी होती है।

कौनसा मैडिटेशन करें : पॉजिटिव एफर्मेशंस (Positive Affirmation)

3. कमजोर याददाश्त को ठीक करने के लिए

अगर आपकी याददाश्त कमजोर है, आपको पढ़ा हुआ याद नहीं रहता, पढ़ाई में मन नहीं लगता, जरूरी कार्य करना भूल जाते हैं तो मैडिटेशन से आपको बहुत फायदा सकता है।

कौनसा मैडिटेशन करें : केन्द्रित ध्यान मैडिटेशन

4. शारीरिक समस्या को ठीक करने के लिए

आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन मैडिटेशन के द्वारा शारीरिक समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक समस्या जैसे पेट से संबंधित समस्या, हाथ पैर से संबंधित, चलने से संबंधित समस्या, हकलाने की समस्या आदि।

अपनी कल्पना शक्ति के द्वारा हम किसी भी प्रकार कि शारीरिक तथा मानसिक समस्या से छुटकारा पा सकते है।

किसी भी प्रकार कि शारीरिक समस्या हमारे शरीर में मौजूद 7 चक्रों के कारण होती है इनको बैलेंस करके आप बड़ी से बड़ी बीमारी को ठीक कर सकते है।

कौनसा मैडिटेशन करें : Visualization (कल्पना शक्ति मैडिटेशन )

5. डर, घबराहट, साहस की कमी

अगर आपके मन में अजीब सा डर रहता है लोगों के सामने जाने से, स्टेज पर बोलने से घबराहट होती है तो आप मैडिटेशन के द्वारा इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।

कौनसा मैडिटेशन करें : Visualization (कल्पना शक्ति मैडिटेशन ), कपालभाति

6. मोक्ष की प्राप्ति के लिए

अगर आपके अंदर ऊपर दी गई समस्याओं में से कोई भी समस्या नहीं है और आप मोक्ष प्राप्ति के लिए मैडिटेशन करना चाहते हैं तो मैं आपको बता दूँ कि मोक्ष प्राप्ति के लिए भी मैडिटेशन किया जा सकता है।

कौनसा मैडिटेशन करें : मंत्र ध्यान मैडिटेशन

7. अन्य कारण

इसके अलावा अगर आपके पास मैडिटेशन करने का कोई अन्य कारण है तो भी आप मैडिटेशन कर सकते है। जैसे ख़ुशी का अनुभव करना, कोई नया अहसास करना, अपनी अध्यात्मिक तरक्की करना आदि।

कौनसा मैडिटेशन करें : अपनी इच्छा अनुसार कोई भी मैडिटेशन कर सकते है

मैडिटेशन कितने प्रकार के होते हैं

मैडिटेशन कई प्रकार के होते हैं लेकिन मुख्य रुप से इन्हें 4 भागों में बांटा गया है।

मैडिटेशन के प्रकार

1. विजुअलाइजेशन मैडिटेशन (Visualization Meditation)

2. मंत्र ध्यान के फायदे (Chanting Meditation)

3. भावातीत मैडिटेशन (Transcendental Meditation)

4. केन्द्रित ध्यान मैडिटेशन (Concentration Meditation)

चलिए एक-एक करके इन सभी के बारे में जानते हैं

1. विजुअलाइजेशन मैडिटेशन (Visualization Meditation)

विजुअलाइजेशन का मतलब होता है “कल्पना करना”

आप जो भी अपने जीवन में हासिल करना है या पाना चाहते हैं आपको विजुअलाइज करना है कि वह आपको मिल चुका है।

किसी भी कार्य को करने से पहले जब आप उसके सफल हो जाने की कल्पना करते हैं तो आपके अंदर उस कार्य को करने का साहस पैदा होता है।

उसी साहस की बदौलत आप उस कार्य में सफलता प्राप्त करते है।

विजुअलाइजेशन मैडिटेशन कैसे करें

विजुअलाइजेशन मैडिटेशन करने के लिए आप अपने लक्ष्य को पहले कागज पर लिखकर याद कर ले या अपनी आवाज में रिकॉर्ड कर ले।

यूट्यूब पर भी आपको बहुत सारे विजुअलाइजेशन मिल जाएंगे उन्हें भी आप विजुअलाइजेशन करते समय अपने ईयर फोन लगाकर सुन सकते हैं।

उदाहरण के लिए मैं आपको बताऊंगा कि एक मोटा इंसान जो अपना वजन कम करना चाहता है। उसे क्या विजुअलाइज करना चाहिए तथा इसी को आधार बनाकर आप अपना विजुअलाइजेशन बना सकते हैं।

विजुअलाइजेशन करने की मुद्रा

  1. आराम से किसी शान जगह पर बैठ जाएंगे और अपनी आंखों को बंद कर ले।
  2. 4 से 5 बार गहरी सांस लें और छोड़े।
  3. पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें और कल्पना करें कि आपका मन शांत हो रहा है।
  4. कल्पना करें कि आपके सामने आपका रोल मॉडल खड़ा है जिसके जैसा आप बनना या दिखना चाहते हैं। यह कोई भी हो सकता है जैसे कोई फिल्म स्टार, जिम ट्रेनर, या कोई स्पोर्ट्स पर्सन आदि।
  5. अब आप अपने आपको भी उसी तरह देखना शुरू करें।
  6. 6 महीने की मेहनत के बाद आपकी बॉडी फिट हो चुकी है आपका ब्लड प्रेशर बिल्कुल नॉर्मल है आप अपने आप को जिम में पसीना बहाते हुए विजुअलाइज करें।
  7. आप भाग रहे हैं, वजन उठा रहे हैं, पुशअप्स लगा रहे हैं तथा आपके पूरे कपड़े पसीने से भीग चुके हैं।
  8. हर महीने आपका वजन कम होता जा रहा है।
  9. धीरे धीरे आपका शरीर आपके रोल मॉडल की तरह शेप में आता जा रहा है और लोग आपकी तारीफ कर रहे हैं।
  10. आपको नए कपड़े खरीदने पढ़ रहे हैं क्योंकि पहले वाले कपड़े बहुत ढीले हो गए हैं।
  11. आपकी शरीर की ताकत पहले से कई गुना बढ़ गई है और एक निश्चित समय 6 महीने या 1 साल बाद आपका शरीर ठीक ठीक आप के रोल मॉडल की तरह दिखता है।

इस उदाहरण को आधार बनाकर आप अपना अपना विजुअलाइजेशन बना सकते हैं।

विजुअलाइजेशन मैडिटेशन को दिन में दो बार, सुबह उठते ही तथा रात को सोने से पहले करें तभी आपको बेहतर नतीजे मिलेंगे।

विजुअलाइजेशन मैडिटेशन के फायदे

1. जब आप रोजाना विजुअलाइजेशन करते हैं तो आपका लक्ष्य आपके अनकॉन्शियस माइंड (unconcious mind) में स्टोर हो जाता है।

2. और हमारा दिमाग ऑटोमेटिक मोड में उन्हीं कार्यों को करने लगता है जो आपको आपके लक्ष्य के करीब ले जाते हैं।

3. दिन भर में हमारे 90% कार्य अनकॉन्शियस माइंड के द्वारा ही कंट्रोल किए जाते हैं।

4. विजुअलाइजेशन के कारण प्रत्येक कार्य करने में आपका मन लगने लगता है।

नोट: विज्युलाइजेशन मैडिटेशन के बारे में मैंने विस्तार से एक आर्टिकल लिखा है जिसमे बताया है कि विज्युलाइजेशन क्या है, विज्युलाइजेशन करने के 5 स्टेप्स, धन, मान-सम्मान पाने के लिए, एग्जाम में अधिक मार्क्स लाने के लिए विज्युलाइजेशन कैसे करें उसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

2. मंत्र ध्यान मैडिटेशन (Chanting Meditation)

मंत्र ध्यान मैडिटेशन में आप अपने गुरु, ईष्ट देवता का ध्यान लगाते हैं।

मंत्र ध्यान में किसी एक ही शब्द या मंत्र को बार-बार बंद आंखों के साथ, बिना जीभ हिलाये अपने मन में रिपीट करना होता है।

मंत्र ध्यान के लिए आप अपने गुरु के द्वारा दिए गए मंत्र या किसी भगवान का नाम जैसे श्री कृष्णा, राम, ओम आदि को बार-बार जपते हैं।

आप जिस पर मंत्र का ध्यान करते हैं धीरे-धीरे उसे मंत्र की शक्तियां आपके अंदर समाने लगती हैं।

आपने देखा होगा कुछ लोग 108 मोतियों की माला जपते हुए भी मंत्र ध्यान करते हैं।

मंत्र ध्यान के फायदे

1. मंत्र ध्यान से आपकी एकाग्रता बढ़ती है।

2. आप अपने कार्यों को मन लगाकर करते हैं।

3. मंत्र ध्यान से आपका आपके गुरु या इष्ट देवता के प्रति आदर भाव बढ़ता है।

4. आपके हृदय में उदारता का भाव पैदा होता है।

5. किसी गरीब की मदद करने का भाव पैदा होता है।

6. मानसिक रूप से भी आपको इसके बहुत फायदे होते हैं।

3. भावातीत मैडिटेशन (Transcendental Meditation)

भावातीत मैडिटेशन अपनी भावनाओं तथा फीलिंग से ऊपर उठकर किया जाता है।

भावातीत मैडिटेशन के द्वारा उस अवस्था में पहुँच जाते है जहाँ ना सुख है और ना दुख है केवल आनंद है।

हम जिस प्रकार की जानकारी हासिल करते हैं या दिन भर जो काम करते हैं हमारे अंदर भावनाएं भी उसी आधार पर पैदा होती हैं।

भावनाएं दो प्रकार की होती हैं पॉजिटिव तथा नेगेटिव

भावातीत ध्यान के द्वारा इन भावनाओं से दूर हटने का अभ्यास किया जाता है।

भावातीत मैडिटेशन कैसे करें

  1. सबसे पहले शांत जगह पर आराम से बैठ जाए।
  2. अगर शांत जगह ना मिले तो अपने कमरे को बंद करके भी बैठ सकते हैं।
  3. अब आपको अपने दिमाग में आने वाली भावनाओं तथा विचारों पर ध्यान देना हैv
  4. कल्पना करें कि आप अपने सिर के चारों तरफ घूम रहे हैं और आपके दिमाग में जो भी भावनाएं उठ रही हैं आप उनको देख पा रहे हैं।
  5. आपके मन में जो भी भावनाएं पॉजिटिव या नेगेटिव आ रही है उन्हें आने दें।
  6. आपको उन भावनाओं के साथ जुड़ना नहीं है बस आपको उन्हें दूर से देखना है।
  7. जैसे जैसे आप इसका अभ्यास करेंगे वैसे वैसे आपको दैनिक जीवन में इसका असर दिखने लगेगा।

भावातीत मैडिटेशन के फायदे

1. इस ध्यान के द्वारा आप अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करना सीख जाते हैं।

2. बात बात पर गुस्सा करना, चिड़चिड़ापन आदि कम होने लगता है।

3. आपके सोचने, बोलने तथा चीजों को देखने का नजरिया बदल जाता है।

4. आप पहले से बेहतर इंसान बन जाते हैं।

5. आप चीजों को उनके असली स्वरूप में देखने लग जाते हैं।

6. जैसे कुछ लोग फिल्म देखते समय रोने लगते हैं या इमोशनल हो जाते हैं क्योंकि वह अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं करना जानते हैं। इस ध्यान के द्वारा आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

4. केंद्रित ध्यान (Concentration Meditation)

केंद्रित ध्यान (Concentration Meditation) के द्वारा आपको अपना ध्यान किसी एक बिंदु पर लगाना होता है।

जैसे अपनी सांसो पर, अपनी तीसरी आंख पर, या दीवार पर स्थित किसी बिंदु पर ध्यान करने लगाते है।

ध्यान करने कि यह विधि सबसे कठिन मानी जाती है।

क्योंकि इस विधि में आपको अपने दिमाग को विचार शून्य बनाना होता है जो कि बहुत ही मुश्किल काम है।

केंद्रीय ध्यान मैडिटेशन कैसे करें

  1. केंद्रीय ध्यान मैडिटेशन करने का तरीका बहुत ही साधारण है।
  2. आपको ध्यान मुद्रा में बैठकर किसी भी एक चीज पर अपने ध्यान को केन्द्रित करना होता है।
  3. जैसे अपनी सांसो पर या अपनी तीसरी आंख पर (दोनों आँखों के बीच में)
  4. ऐसा करते समय आपका ध्यान बार बार आपका ध्यान भटकेगा आपको फिर से अपने ध्यान को पकड़ कर लाना होगा।
  5. इस मैडिटेशन को करने के लिए अत्यधिक अभ्यास की जरूरत होती है।

केंद्रीय ध्यान मैडिटेशन के फायदे

1. इस मैडिटेशन से आपकी एकाग्रता बढ़ती है।

2. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एकाग्रता का होना बहुत जरूरी है।

3. आपको अपने अंदर शांति का अहसास होता है।

4. अनिद्रा, डर, बेचैनी, याददाश्त संबंधी समस्या, गुस्सा आना आदि में भी काफी फायदा होता है।

गायत्री मंत्र मैडिटेशन

गायत्री मंत्र, हनुमान चालीसा आदि का जाप करना भी एक प्रकार का मैडिटेशन है।

पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए गायत्री मंत्र का जाप का नाम बहुत ही फायदेमंद रहता है।

गायत्री मंत्र से क्रोध शांत होता है।

गायत्री मंत्र के द्वारा बिजनेस में आई परेशानियां, बेरोजगारी, हर कार्य में असफलता मिलना आदि परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

Q 1. मैडिटेशन करने का सही समय

मैडिटेशन दिन में दो बार करना चाहिए सुबह तथा शाम

मैडिटेशन करने का सबसे सही समय सुबह उठते ही तथा रात को सोने से पहले का माना जाता है।

वैसे अगर आपको सुबह तथा शाम को समय नहीं मिलता है तो आप दिन में भी मैडिटेशन कर सकते हैं।

सुबह का समय इसलिए उत्तम है क्योंकि उस समय हमारा दिमाग तरोताजा रहता है हमारे दिमाग में बहुत कम विचार चल रहे होते हैं

रात को सोने से पहले अगर हम मैडिटेशन करते हैं। तो हमारा मन शांत होता है दिनभर हमारे दिमाग में जो विचार चलते हैं वह थोड़ा शांत होते हैं जिससे हमें रात को नींद बड़ी आती है।

Q 2. मैडिटेशन के फायदे कितने दिनों में मिलते हैं

मैडिटेशन का फायदा कितने दिन में मिलेगा यह तो मैडिटेशन करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है।

कुछ बातें हैं जिन पर यह निर्भर करता है जैसे  

  • आप कौनसा मैडिटेशन करते हैं।
  • आप मैडिटेशन से कौन सा फायदा लेना चाहते हैं।
  • मैडिटेशन करते समय आप कितनी अच्छी तरह से अपना ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
  • मैडिटेशन एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है कुछ लोगों को 3 महीने में इसका फायदा दिखना शुरू हो जाता है तो कुछ लोगों को 6 महीने या उससे भी ज्यादा समय लग जाता है।

Q 3. मैडिटेशन करते समय दिमाग को एकाग्र चित्त कैसे करें

इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे।

  • शांत कमरे में बैठना हैं वरना कोई भी आवाज सुनाई देगी तो आपका ध्यान भटकेगा।
  • मैडिटेशन करने से पहले कोई भजन या मैडिटेशन मैजिक सुन सकते हैं।
  • अपने आप को मैडिटेशन करते हुए किसी दूसरे व्यक्ति के नजरों से देखें।
  • अगर आप का ध्यान एक जगह नहीं रुकता है तो मैडिटेशन म्यूजिक के साथ कर सकते हैं। फिर धीरे-धीरे इसके बगैर ध्यान करने की आदत डालें।
  • बाहरी आवाजों से आपका ध्यान ना भटके इसके लिए ईयर प्लग लगा सकते हैं मार्केट में यह ₹20 में मिल जाएंगे।

Q 4. मैडिटेशन कितनी देर करना चाहिए

मैडिटेशन की शुरुआत आपको 15 मिनट से करनी चाहिए। उसके बाद धीरे-धीरे मैडिटेशन करने का समय बढ़ाना चाहिए।

जब आपको मैडिटेशन करने का थोडा अनुभव हो जाए तो समय बढ़ाकर 30 मिनट सुबह तथा 30 मिनट शाम को किया जा सकता है।

लेकिन इससे ज्यादा मैडिटेशन ना करें क्योंकि मैडिटेशन से शरीर में गर्मी पैदा होते हैं जो कि आपके लिए हानिकारक हो सकती है।

इससे ज्यादा समय तक योगी ही मैडिटेशन करते हैं। घर-गृहस्ती वाले व्यक्ति के लिए दिन में एक घंटा मैडिटेशन काफी है ।

Q 5. क्या मैडिटेशन से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है

हाँ, मैडिटेशन से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

भगवत गीता के अनुसार मोक्ष चार प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है।

  1. ध्यान के द्वारा
  2. ज्ञान के द्वारा
  3. भक्ति के द्वारा
  4. कर्म के द्वारा

मैडिटेशन के साथ-साथ आप मोक्ष प्राप्ति के लिए तीन अन्य तरीकों को भी साथ लेकर चल सकते हैं।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में आपने जाना कि मैडिटेशन क्या है मैडिटेशन क्यों करना चाहिए, मैडिटेशन के प्रकार, किस प्रकार की समस्या को दूर करने के लिए कौनसा मैडिटेशन करना चाहिए

हनुमान चालीसा का जाप करने के फ़ायदे

अमीर बनने के 7 नियम

5 वर्षो के मैडिटेशन के मेरे अनुभव

7 चक्र क्या होते है इनके बैलेंस होने के फायदे

अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए मूलाधार चक्र को कैसे बैलेंस करें

जीवन लक्ष्य खोजने के लिए अपने स्वाधिष्ठान चक्र को बैलेंस करें

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