SEO करने की 25 बेस्ट Advance टिप्स

अगर आपको नहीं पता है कि SEO kya hai , SEO कैसे किया जाता है और आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

इस आर्टिकल को पूरा ध्यान पूर्वक पढ़ने पर आप खुद तो जानेगे ही बल्कि दूसरों को भी बता पाएंगे कि SEO kya hai

अगर आप ब्लॉगिंग क्या है यह जानते है तो आपका SEO के बारे में भी जानना बहुत जरुरी है।

क्या आपको पता है गूगल पर हर सेकेंड कितने पोस्ट Publish होते हैं।

पूरी दुनिया में हर सेकंड 30 से भी ज्यादा पोस्ट गूगल पर Publish होते है।

इस भयंकर Competition में गूगल पर अपने ब्लॉग को रैंक करवाना कोई आसान काम नहीं है।

क्या आपको पता है बिना होस्टिंग के भी ब्लॉगिंग free में भी कर सकते है और होस्टिंग खरीदकर कर सकते है।

किसी भी ब्लॉग पर आर्गेनिक ट्रैफिक लाने के लिए उसका SEO किया जाता है।

बहुत से लोगों के पास कंप्यूटर नहीं होता है इसलिए वो मोबाइल से ब्लॉगिंग करते है मोबाइल से ब्लॉगिंग कैसे करें इसके बारे में मैंने डिटेल में एक आर्टिकल लिखा है

किसी भी ब्लॉग को गूगल में पब्लिश करने के लिए वेब होस्टिंग की जरुरत होती है।

SEO kya hai

SEO क्या है

SEO का पूरा नाम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search engine Optimization) होता है किसी भी post को गूगल पर rank करवाने के कुछ criteria होते हैं उन सब को मिलाकर SEO कहा जाता है।

एक पोस्ट को गूगल में rank करवाने के लिए बहुत सारे factor पर काम करना पड़ता है।

SEO kya hai और किसी भी पोस्ट का SEO कैसे किया जाता है हम इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

मैं पिछले कई वर्षों से ब्लॉगिंग कर रहा हूं तो आज मैं अपना अनुभव आपके साथ शेयर करूंगा।

किसी भी पोस्ट को लिखने में 2 से 3 घंटे समय लगता है और अगर उस पोस्ट लिखने के बाद उसका सही तरीके से SEO नहीं किया जाता है तो सारी मेहनत बेकार चली जाएगी क्योंकि SEO के बगैर उस पोस्ट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक नहीं आएगा।

SEO करना क्यों जरुरी है

किसी भी ब्लॉग पर 60 से 70% ट्रैफिक organic सर्च रिजल्ट से आता है जैसे Google, Bing, Yahoo और Youtube

तथा शेष 30% ट्रैफिक facebook, Reddit, Quora, Twitter, Amazon, Gmail तथा paid ads से आता है।

इसलिए SEO करना जरुरी होता है।

गूगल में जब कोई कीवर्ड सर्च किया जाता है तो गूगल उसका रिजल्ट SERP (Search Engine Result Page) में दिखाता है।

गूगल SERP में दो तरह का रिजल्ट दिखाता है।

Organic सर्च रिजल्ट

वह रिजल्ट जो गूगल की रैंकिंग फैक्टर की मैरिट के आधार पर रैंक होता है।

Organic सर्च रिजल्ट में आपका ब्लॉग केवल SEO करके ही आ सकता है इसके अलावा कोई तरीका नहीं है।

किसी भी वेबसाइट का SEO करने का मतलब होता है उसकी Organic सर्च रिजल्ट में रैंकिंग बढ़ाना।

organic search result SEO kya hai
Organic search result

Paid सर्च रिजल्ट

अगर आपका ब्लॉग/वेबसाइट organic सर्च रिजल्ट में नहीं आती है तो आप पैसे देकर ही गूगल के पहले पेज पर आ सकते है।

मान लो “Digital Marketing” कीवर्ड पर चार लोग paid ads चलाते है तो पहले नंबर पर उसका ad दिखेगा जो ज्यादा पैसे देगा।

paid search result
Paid search result

सर्च इंजन क्या होता है

SEO kya hai यह जानने के लिए सर्च इंजन के बारे में जानना बहुत जरुरी है।

जब आप गूगल पर कोई भी कीवर्ड सर्च करते है तो गूगल आपके सामने कुछ रिजल्ट शो करता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि इन सभी रिजल्ट की ranking कौन निर्धारित करता है इनकी रैंकिंग SEO के द्वारा निर्धारित की जाती है।

उदाहरण के लिए जब आप गूगल पर सर्च करते हैं RNA full form in hindi तो आपको बहुत सारे रिजल्ट देखने को मिलते हैं।

जो रिजल्ट एक नंबर पर दिखाई दे रहा है वह इसी ब्लॉग का है जिस पर आप अभी यह पोस्ट पढ़ रहे हैं Hindivisitor.com

search engine result SEO kya hai
search engine result

गूगल पर किसी भी पोस्ट को rank करने से पहले गूगल सर्च इंजन 100 से अधिक रैंकिंग फैक्टर चेक करता है।

मैं आपको उन सभी रैंकिंग फैक्टर के बारे में विस्तार से बताऊंगा।

गूगल कभी भी SEO के बारे में पूरी जानकारी नहीं देता है फिर कुछ hint देता है कि आपको कैसे काम करना है।

सर्च इंजन कैसे काम करता है

सर्च इंजन इंटरनेट पर मौजूद सभी ब्लॉग तथा वेबसाइट को Crawl करने का काम करता है।

गूगल के bots 24*7 crawling का काम करते है।

क्राउलिंग के बाद गूगल इन साइट्स पर मौजूद डाटा को index करता है तथा indexing के बाद सभी ब्लॉग तथा वेबसाइट की रैंकिंग तय करता है।

इस प्रकार गूगल सर्च इंजन काम करता है।

गूगल सर्च इंजन उन ब्लॉग को पहले crawl करता है जो निरंतर अपने ब्लॉग को अपडेट करते है ऐसे ब्लॉग को गूगल रोजाना crawl करता है।

जो ब्लॉग रोजाना अपडेट नहीं होते उन ब्लॉग पर किसी आर्टिकल को रैंक करने में 2 से 7 दिन का समय लग सकता है।

आगे बढ़ने से पहले आपको मैं बता दू कि SEO करने के दो तरीके होते है एक सही तरीका और दूसरा गलत तरीका।

चलिए जानते है कि ये दोनों तरीके कैसे काम करते है।

White hat and Black hat SEO kya होता है।

गूगल पर रैंक करने दो तरीके होते है White hat SEO and Black hat SEO

White hat SEO kya hai

अपने ब्लॉग पर यूजर की आवश्यकताओ को ध्यान में रखते हुये अपना खुद का original content publish करना White hat SEO कहलाता है।

White hat SEO कैसे करते है

  • खुद का अपना कंटेंट लिखना तथा किसी दूसरे व्यक्ति का कंटेंट चोरी नहीं करना।
  • Copyright free इमेज का इस्तेमाल करना या खुद की खींची हुई फोटो का इस्तेमाल करना।
  • Copyright free इमेज pixabay.com से ले सकते है।
  • अपनी पोस्ट से संबंधित ही दूसरी पोस्ट को link करें अगर आपकी पोस्ट SEO के बारे में है तो आप दूसरी वेबसाइट या ब्लॉग पर उपस्थित SEO से संबंधित पोस्ट को ही Link करें।
  • भाषा साफ-सुथरी होनी चाहिए
  • सभी sentence पुरे होने चाहिए तथा grammar की गलतियां नहीं होनी चाहिए
  • पोस्ट का title उस पोस्ट से संबंधित होना चाहिए।
  • अगर आप White hat SEO करते हैं तो आपका ब्लॉग गूगल में धीरे-धीरे रैंक करता है लेकिन यह लम्बे समय तक गूगल पर बना रहता है।

Black hat SEO kya hai

अपने ब्लॉग पर गलत तरीकों का इस्तेमाल करके गूगल में rank करवाने की कोशिश करना Black hat SEO कहलाता है।

Black hat SEO में सिर्फ गूगल सर्च इंजन के रैंकिंग फैक्टर का ही ध्यान रखा जाता है जिस कारण गूगल उसे तेजी से रैंक कर देता है।

Black hat SEO कैसे करते है

  • किसी दूसरे व्यक्ति के कंटेंट का इस्तेमाल करना Black hat SEO के अंतर्गत आता है।
  • अपने ब्लॉग पर गलत जानकारी देना तथा content generator tools का इस्तेमाल करना।
  • अपनी पोस्ट को गलत कंटेंट वाली पोस्ट से लिंक करना।
  • अगर कोई व्यक्ति Black hat SEO का यूज करता है तो गूगल उसे ब्लॉक भी कर सकता है।

Keyword रिसर्च

ब्लॉगिंग क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सबसे पहला सूत्र है आपको कीवर्ड रिसर्च करना आना चाहिए।

प्रत्येक आर्टिकल किसी एक ही कीवर्ड को टारगेट करके लिखा जाता है।

अगर लोग उस कीवर्ड को गूगल में सर्च ही नहीं करते तो आप कितना ही अच्छा आर्टिकल लिख ले आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक नहीं आएगा।

यहां मैं आपको कीवर्ड रिसर्च के बारे में थोड़ी सी ही जानकारी दे रहा हूँ सम्पूर्ण जानकारी कीवर्ड रिसर्च क्या है 8 Best free तरीके कीवर्ड रिसर्च करने के

Keyword Density

Keyword Density यह बताता है कि कोई भी कीवर्ड एक आर्टिकल में मौजूद कुल कीवर्ड की तुलना में कितनी बार repeat हुआ है।

गूगल दिन प्रतिदिन स्मार्ट होता जा रहा है जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो वह आपको कुछ auto suggestion दिखाता है।

मतलब कि गूगल जानता है कि लोग क्या-क्या सर्च करते हैं।

अपने आर्टिकल को गूगल में रैंक करवाने गूगल को यह बताना जरुरी है कि यह आर्टिकल किस कीवर्ड के बारे में है।

गूगल एक्सपर्ट की माने तो कीवर्ड डेंसिटी 1 से 3% के मध्य होनी चाहिए।

उदाहरण के लिए जवाब गूगल पर सर्च करते हैं How to do SEO तो गूगल आपको कुछ auto suggestion दिखाता है।

इन सभी auto suggestion पर अलग-अलग आर्टिकल लिखा जाना चाहिए।

अगर इनमें से आप किसी कीवर्ड पर आर्टिकल लिखते है तो उस आर्टिकल में अपने कीवर्ड की डेंसिटी का ध्यान रखें वरना गूगल कंफ्यूज हो जाएगा कि यह आर्टिकल किस बारे में है और वह गूगल में रैंक नहीं करेगा।

Yoast SEO Plugin आपको बता देगा कि आपकी Keyword Density कितनी है वरना गूगल में आपको बहुत सारे Keyword Density Checker tool भी मिल जायेंगे।

Direct Answer

यूजर के लिए सर्चिंग को आसान बनाने के लिए गूगल ने डायरेक्ट आंसर जैसी तकनीक का ईजाद किया है।

उदाहरण के लिए अगर आप गूगल पर सर्च करते हैं “Theory of reletivity” तो गूगल Feature Snippet में इसका आंसर दिखा देता है।

google direct answer
Google direct answer

उसी प्रकार अगर आप गूगल पर “mahatma gandhi birthday date” सर्च करते हैं तो गूगल सबसे पहले 2 अक्टूबर 1869 दिखाएगा।

google direct answer

आप भी आर्टिकल लिखते समय प्रत्येक प्रश्न का direct answer देने की कोशिश किया करे।

SEO के प्रकार

SEO kya hai यह जानने के बाद अब मैं आपको SEO कैसे किया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताऊंगा।

किसी भी व्यक्ति को SEO में महारत हासिल करने में काफी सालों का समय लगता है यह एक दिन में समझ नहीं आता है।

इसीलिए SEO एक्सपर्ट बड़ी-बड़ी कंपनीयों से लाखों रुपए की फीस लेते है।

जैसा कि मैंने आपको बताया कि SEO बहुत सारे फैक्टर पर निर्भर करता है इन्हीं Factors को दो भागों में बांटा गया है।

  • On Page SEO
  • Off Page SEO

On Page SEO क्या होता है और कैसे करे

On Page SEO आप अपने ही ब्लॉग पर पोस्ट publish करते समय करते हैं।

On Page SEO में बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है मैं एक-एक करके आपको सारी बातें बताता हूँ।

अगर आपके ब्लॉग पर कंटेंट अच्छा है तो आप उसे On Page SEO के माध्यम से ही गूगल में रैंक करवा सकते हैं। Off Page SEO करने की आपको जरुरत नहीं पड़ेगी।

On Page SEO कैसे करे

अगर आप अपने ब्लॉग को गूगल में रैंक करवाना चाहते है तो इसके लिए On Page SEO करना बहुत जरुरी है।

On Page SEO kya hai इसमें किन किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

इसके लिए जरुरी है कि आप WordPress में Yoast SEO plugin install कर ले।

अगर आपका ब्लॉग blogger पर है तो आपको नीचे SEO करने के जो भी step बताये जायेंगे वो खुद से करने होंगे।

1. Yoast SEO plugin Install करे।

yoast seo plugin
Yoast seo plugin

यह plugin free भी है और paid भी। लेकिन free से भी सारा काम आसानी से हो जाता है।

ऐसा नहीं है कि इस plugin को install करते ही सारा काम अपने आप हो जायेगा।

लेकिन यह plugin आर्टिकल का SEO करने में आपकी मदद जरुर करता है।

चलिए जानते है वो कौन-कौन से काम है जो आप इस plugin की मदद से कर सकते है।

2. Title Tag

किसी भी आर्टिकल का Title tag ही गूगल के सर्च इंजन पेज पर दिखाई देता है।

आपके ब्लॉग पोस्ट का title tag attractive होना चाहिए क्योंकि यूजर इसी को ही देखकर आपके आर्टिकल को open करेगा।

किसी भी आर्टिकल का Title tag उसकी H1 heading होता है।

गूगल जब आपके ब्लॉग को crawl करता है तो H1 tag को सबसे पहले देखता है।

आप main कीवर्ड H1 heading में जरुर होना चाहिए।

3. Meta Description

सर्च रिजल्ट में प्रत्येक पोस्ट के नीचे कुछ इंफॉर्मेशन दी हुई होती है इसे ही Meta डिस्क्रिप्शन कहते हैं।

Meta Description में आप उस पोस्ट के बारे में थोड़ा सा विवरण देते है।

आपका Meta Description जितना अच्छा होता है आपके पोस्ट पर click होने के चान्सेस उतने ही बढ़ जाते है।

आपकी पोस्ट का main keyword Meta Description में भी होना चाहिए।

title tag and meta tag
Title tag and meta description

4. Google Search console

गूगल Search console आपके ब्लॉग की पूरी रिपोर्ट दिखाता है।

जैसे Total click, Total impression, valid URL आदि।

अगर आपका आर्टिकल गूगल में automatic crawl नहीं होता है तो आप खुद भी Search console में उसे सबमिट कर सकते है लेकिन ऐसा करने की जरुरत बहुत कम होती है।

google search console
Google search console

5. Google Analytics

अपने ब्लॉग को Google Analytics में भी जरुर सबमिट करे क्योंकि यह आपके ब्लॉग के बारे में सारी जानकारी आपको देता है।

जैसे आपके ब्लॉग पर current यूजर कितने है, किस देश से कितना ट्रैफिक आ रहा है, किस आर्टिकल पर ज्यादा ट्रैफिक आ रहा है, यूजर आपके ब्लॉग पर क्या सर्च करता है, Bounce रेट कितनी है और भी बहुत कुछ है जो आप देख सकते है।

google analytics user detail
Google analytics user, Session, Bounce rate
google analytics sessions by device
Google analytics sessions by device

6. LSI कीवर्ड का प्रयोग करे

SEO kya hai यह बहुत बातो पर निर्भर करता है उसमे से एक LSI कीवर्ड भी है

LSI कीवर्ड फुल फॉर्म “Latent Semantic Indexing” होता है मतलब

पर्यायवाची शब्द अथवा उससे संबंधित दूसरे वर्ड।

अपने main कीवर्ड के LSI कीवर्ड का अपनी पोस्ट में इस्तेमाल जरुर करे। इससे गूगल को यह समझ आता है कि आपकी पोस्ट किस बारे में है।

उदाहरण के लिए अगर आप गूगल में सर्च करते है “what is keto diet” तो गूगल पहले पेज के नीचे कुछ LSI कीवर्ड दिखाता है।

LSI keyword
LSI keyword

7. Keyword in URL/Permalink

आपकी पोस्ट का main कीवर्ड आपकी पोस्ट के URL में भी होना चाहिए।

URL को Permalink भी कहा जाता है।

आप अपने ब्लॉग के Permalink का structure wordpress की सेटिंग में जाकर सेट कर सकते है।

Permalink में हमेशा आपकी पोस्ट का नाम ही आना चाहिए लेकिन अगर आप पोस्ट category को भी include करना चाहे तो कर सकते है।

Permalink में 4 या 5 वर्ड से ज्यादा नहीं होने चाहिए।

ध्यान रहे एक बार पोस्ट पब्लिश करने के बाद Permalink को कभी change ना करे।

सोच समझ कर Permalink लिखे।

8. HTTPS and SSL

आज के समय किसी भी साइट की सिक्योरिटी बहुत अहम हो गई है अगर आपका ब्लॉग https नहीं है तो इसका गूगल रैंकिंग में असर पड़ सकता है।

बहुत सारी कंपनी paid SSL सर्टिफिकेट भी देती है लेकिन आप Cloudflare से Free SSL भी ले सकते है।

https tag SEO kya hai
Https tag

9. Heading

किसी भी आर्टिकल के structure का पता गूगल उसकी Heading से लगाता है।

किसी भी आर्टिकल के लिए उसकी Heading बहुत मायने रखती है।

आपको H1 से लेकर अधितम H4 heading ही यूज़ करनी चाहिए।

एक ही heading को बार-बार यूज़ नहीं करना चाहिए।

Heading लगाने का सही तरीका।

  • H1 Main Title
  • H2
  • *H3
  • *H3
  • H2
  • H2
  • *H3
  • *H3
  • H2

10. Image Alt Tag

गूगल image को नहीं पढ़ सकता इसलिए कोई भी इमेज किस बारे में है। इसका पता google image के Alt tag से लगाता है इसलिए अपने ब्लॉग की हर इमेज पर Alt tag जरूर लगाएं।

अगर इंटरनेट की स्पीड कम होने के कारण image load नहीं होती है तो उस इमेज के स्थान पर उसका Alt tag दिखाई देगा।

11. Internal Linking

ब्लॉगिंग में Internal Linking SEO kya hai

अपने ही ब्लॉग पर उपस्थित दूसरे पोस्ट को लिंक करना internal linking कहलाता है।

Internal Linking SEO में बहुत बड़ा रोल अदा करता है।

Internal Linking के जरिये आप अपने ब्लॉग का bounce rate कम कर सकते है।

12. Total Number of Words

पोस्ट कितने वर्ड की लिखनी चाहिए यह कीवर्ड पर निर्भर करता है।

आप जिस कीवर्ड पर पोस्ट लिखना चाहते है पहले चेक करे कि उस कीवर्ड पर कितने वर्ड की पोस्ट गूगल पर मौजूद है उससे ज्यादा ही लिखने की कोशिश करे।

लेकिन वर्ड बढ़ाने के चक्कर में कंटेंट के साथ compromise ना करें।

मेरा अपना नियम :

साधारण जानकरी देनी हो तो : 1200-1300 वर्ड

थोड़ा ज्यादा जानकारी देनी हो तो : 1800-2000 वर्ड

और ऐसा कीवर्ड जिसके बारे में पूरी जानकारी देनी हो : 3500+ वर्ड

एक रिसर्च के अनुसार गूगल में 1 नंबर पर रैंक करने वाली पोस्ट में औसत 1850 वर्ड होते है।

13. Google Sitemap

अपने ब्लॉग का गूगल search console पर Sitemap जरूर submit करें इससे गूगल को आपके ब्लॉग को crawl करने में आसानी होती है।

किसी भी ब्लॉग का sitemap आप domain.com/sitemap.xml से देख सकते है।

Sitemap के द्वारा आपको उस ब्लॉग के सभी post तथा author के नाम एक ही स्थान पर देखने को मिल जाते है।

Yoast SEO plugin की मदद से आप अपने ब्लॉग का sitemap बड़ी ही आसानी से generate कर सकते है।

search console sitemap SEO क्या है
Search console sitemap

14. Website Design

आपके ब्लॉग की डिजाइन अच्छी तथा साफ सुथरी होनी चाहिए।

आपका ब्लॉग कंप्यूटर, मोबाइल तथा टेबलेट को सपोर्ट करना चाहिए तथा यूजर फ्रेंडली होना चाहिए।

15. Blog Speed

गूगल रैंकिंग में किसी भी ब्लॉग की speed बहुत मायने रखती है।

आप अपने ब्लॉग की स्पीड google blog speed test के द्वारा भी चेक कर सकते हैं।

अपने ब्लॉग में अनावश्यक plugin install ना करे।

ब्लॉग पर जो भी फोटो अपलोड करे उसकी साइज 20kb से 50kb से बीच में ही रखें।

ब्लॉग पर ज्यादा पोस्ट होने से भी ब्लॉग की स्पीड कम हो जाती है।

आने ब्लॉग में अनावश्यक गूगल ads ना लगाए एक ब्लॉग पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा 4 या 5 ही ad लगाए।

16. High Quality Content

SEO तभी काम करेगा जब आपका कंटेंट high quality का होगा।

Content और SEO एक दूसरे के साथ जुड़े हुए है।

मैं आपको Step by Step बताऊंगा कि high quality content का क्या मतलब होता है।

Product और Service के लिए high quality कंटेंट

Product और Service पेज ब्लॉग पेज से बिल्कुल अलग होते है उन पर ब्लॉग पेज की तरह पढ़ने के लिए कुछ नहीं होता।

फिर भी Product और Service पेज का SEO करना पड़ता है।

Product पेज का मुख्य लक्ष्य होता है Lead generate करना मतलब कस्टमर को कोई प्रोडक्ट या service बेचना।

क्योंकि product और service के माध्यम से भी आप कस्टमर को high quality सर्विस दे रहे है।

अगर कोई product पेज Lead generate नहीं कर पाता है तो गूगल उसकी रैंकिंग को घटा देता है।

ब्लॉग पोस्ट के लिए हाई क्वालिटी कंटेंट

कहा जाता है “Content is King” मतलब एक ऐसा आर्टिकल जो कस्टमर के सभी डाउट खत्म कर दे।

कस्टमर को उसके सारे सवालों के जवाब एक ही आर्टिकल में मिल जाये।

ब्लॉग पोस्ट के लिए इस तरह का कंटेंट high क्वालिटी कंटेंट कहलाता है।

ब्लॉग पर कंटेंट नया होना चाहिए। पुरानी Out-dated information नहीं होनी चाहिए।

समय-समय पर ब्लॉग के कंटेंट को update करते रहना चाहिए।

एक हाई क्वालिटी कंटेंट गूगल में किसी भी ब्लॉग को रैंक करवा सकता है।

High Quality Content के उदाहरण

अब मैं आपको कुछ उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करता हूँ कि कैसे आप एक साधारण कंटेंट को high क्वालिटी कंटेंट में बदल सकते है।

1. List बनाना

आप जिस टॉपिक पर आर्टिकल लिखना चाहते है उस आर्टिकल में जो भी जानकरी है उसे यूजर के सामने पूरी लिस्ट बनाकर प्रस्तुत करने की कोशिश करे।

List बनाने से मतलब है किसी भी आर्टिकल से सम्बंधित जो भी जानकरी आपको गूगल से मिलती है उस जानकरी को एक ही आर्टिकल में point बनाकर समझाना।

इससे यूजर को एक ही आर्टिकल में पूरी जानकरी मिल जाएगी।

और जैसे ही आपको उस टॉपिक के बारे में नई जानकारी पता चलती है तो तुरंत अपने आर्टिकल को update करें।

2. Step by Step Guide लिखना

आप जो भी आर्टिकल लिख रहे है वह पूरा आर्टिकल एक निश्चित क्रम में होना चाहिए।

वरना वह आर्टिकल इतना अट्रैक्टिव नहीं लगेगा और ना ही वह यूजर को समझ आएगा।

अगर आप कोई खाना बनाने की रेसिपी पर आर्टिकल लिख रहे है तो जिस प्रकार आप पूरी रेसिपी को step by step लिखते है ठीक उसी प्रोसेस के आधार पर सभी आर्टिकल लिखे जाने चाहिए।

3. Factual डाटा प्रयोग करना

आप जिस टॉपिक पर आर्टिकल पब्लिश कर रहे है अगर उस टॉपिक पर कोई रिसर्च की गई है तो उसका डाटा अपनी पोस्ट में शेयर करे।

इससे यूजर का आपके ब्लॉग पर भरोसा बढ़ता है जिस कारण यूजर के आपके ब्लॉग पर दोबारा लौटकर आने के चांस बढ़ जाते है।

4. ग्राफिकल Content प्रयोग करना

किसी भी ब्लॉग में डाटा को ग्राफ के रुप में प्रदर्शित करके आप यूजर को अच्छी तरह समझा सकते है।

ग्राफ में प्रदर्शित किया गया डाटा यूजर को आकर्षित करता है।

ग्राफ का फायदा यह है कि 10 पेज में लिखे जाने वाले कंटेंट को आप एक ग्राफ के द्वारा समझा सकते है।

उदाहरण के लिए नीचे दिए गए ग्राफ के डाटा को अगर आप लिखकर समझाना चाहे तो बहुत सारे words की जरुरत पड़ेगी।

graphical data representation SEO क्या है
Graphical data representation

इसलिए ग्राफ का इस्तेमाल करना चाहिए।

17. Social share button

अपने ब्लॉग पर सोशल मीडिया शेयर बटन जरूर लगाएं ताकि अगर किसी व्यक्ति को आपकी पोस्ट पसंद आए तो वह अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकें।

WordPress में यह काम आप Simple Social Media Share Buttons plugin की मदद से कर सकते है।

Social शेयर बटन आपके ब्लॉग पोस्ट को वायरल करने में काफी help करते है।

social share button plugin wordpress
Social share button plugin wordpress

Off Page SEO

क्या आप जानते है Off Page SEO kya hai

Off Page SEO को Technical SEO भी कहा जाता है।

Off Page SEO का मतलब होता है Authority, Bounce Rate, Domain Age, Backlink, Identity तथा आपके ब्लॉग पर Comment

On Page SEO क्या है और कैसे करते है यह जानने के बाद अब हम Off page SEO के बारे में विस्तार से जानते है।

18. Authority

गूगल सभी ब्लॉग को दो प्रकार की authority देता है।

  • Domain Authority
  • Page Authority

किसी भी ब्लॉग की Domain authority उस ब्लॉग को मिलने वाले backlink, traffic, domain age तथा ब्लॉग की Identity पर निर्भर करती है।

Page authority किसी भी पेज को मिलने वाले शेयर, comment, backlink आदि पर निर्भर करती है।

आप अपने ब्लॉग की authority free में भी check कर सकते है।

19. Bounce Rate

Bounce Rate मतलब होता है कि कितने लोग वेबसाइट/ब्लॉग पर केवल एक ही पेज देखते है या पढ़ते है उसके बाद उस वेबसाइट/ब्लॉग को छोड़कर चले जाते है।

Bounce Rate कम करने के लिए आपके ब्लॉग की loading स्पीड अच्छी होनी चाहिए।

ब्लॉग का कंटेंट अच्छा होना चाहिए।

यूजर का ब्लॉग पर टाइम spend बढ़ाने के लिए आप पोस्ट में वीडियो भी add कर सकते है।

20. Domain Age

गूगल पुराने डोमेन को priority देता है मतलब नए ब्लॉग पर हर काम करने में गूगल थोड़ा समय लेता है।

उदाहरण के लिए आप real लाइफ में भी उस व्यक्ति पर ज्यादा भरोसा करेंगे जो 15 सालों से कार्य कर रहा है बजाय 1 साल से काम करने वाले व्यक्ति के।

गूगल भी ठीक ऐसा ही करता है।

21. Consistency

जिस ब्लॉग पर निरंतर पोस्ट publish होती है गूगल हमेशा उसको priority देता है।

जो ब्लॉग रोजाना पोस्ट पब्लिश करते है गूगल उस ब्लॉग को रोजाना crawl करता है।

जरुरी नहीं है कि आप भी रोजाना पोस्ट पब्लिश करे लेकिन एक निश्चित टाइम अंतराल में पोस्ट जरुर डाले जैसे हर 2 या 3 दिन में एक पोस्ट।

22. Identity

Identity से मतलब है कि लोग आपको कितना जानते है।

अपने ब्लॉग के About us पेज में अपने बारे में पूरी जानकारी दे तथा अपनी फोटो भी लगाए।

इसके अलावा आप यूट्यूब वीडियो बनाकर भी अपने ब्लॉग में insert कर सकते है।

या यूट्यूब पर आपका कोई इंटरव्यू है तो उसे भी about us पेज में link कर सकते है।

23. BackLinks

किसी दूसरे ब्लॉग के द्वारा आपके ब्लॉग का link खुद के ब्लॉग में देना BackLinks कहलाता है।

BackLinks दो प्रकार के होते है

  • Do follow BackLinks
  • No Follow BackLinks

Do follow BackLinks

Do follow BackLinks आपके ब्लॉग के SEO में मदद करते है।

उदाहरण

जब आप अपने ब्लॉग में किसी दूसरी वेबसाइट/ब्लॉग का Link देते है और उस पर No Follow का tag नहीं लगाते तो वह Do follow BackLinks कहलाता है।

  • <a href=”https://hindivisitor.com/blogging” >
  • अथवा
  • <a href=”https://hindivisitor.com/blogging” rel=”dofollow” >

No Follow BackLinks

No Follow BackLinks आपके ब्लॉग के SEO में कोई मदद नहीं करते है

कुछ बड़ी वेबसाइट सिर्फ No Follow BackLinks ही देती है।

उदाहरण

जब आप अपने ब्लॉग में किसी दूसरी वेबसाइट/ब्लॉग का Link देते है और उस पर No Follow का tag लगा देते है तो वह No follow BackLinks कहलाता है।

  • <a href=”https://hindivisitor.com/blogging” rel=”nofollow” >

No Follow BackLinks होने पर सर्च इंजन के bots उस link को crawl नहीं करते है मतलब उस backlink का कोई फायदा नहीं मिलता।

आपको हमेशा दोनों तरह के Backlinks बनाने चाहिए सिर्फ Do Follow पर ही ध्यान ना दे।

24. Guest Post

किसी दूसरे ब्लॉग पर अपनी पोस्ट पब्लिश करना Guest Post कहलाता है

किसी दूसरे ब्लॉग से ट्रैफिक को अपने ब्लॉग पर लाने के लिए Guest Post लिखी जाती है।

Guest Post आप free तथा पैसे देकर भी लिख सकते है।

Guest Post के जरिए आप Do Follow Backlink generate कर सकते है।

Guest Post एक same niche वाली ब्लॉग/वेबसाइट पर ही लिखनी चाहिए।

जिस ब्लॉग पर आप Guest Post लिखना चाहते है उस ब्लॉग के contact us पेज में जाकर आप उनसे contact कर सकते है।

25. Comment

प्रत्येक पोस्ट के नीचे एक comment box होता है।

Post पर जितने अधिक comment होते है उस पेज की page authority उतनी ही अधिक होती है।

जब कोई व्यक्ति आपकी पोस्ट पर comment करता है तो आपको उसका रिप्लाई जरुर करना चाहिए।

अगर आपको पोस्ट से संबंधित कोई बात समझ ना आये तो आप comment में पूछ सकते है।

अगर आपको मेरी इस पोस्ट में भी कोई बात समझ ना आई हो तो आप comment करके बेझिझक पूछ सकते है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि SEO kya hai SEO क्यों जरुरी है और SEO कैसे किया जाता है।

SEO की मदद से ही आप गूगल में रैंक कर सकते है।

SEO करने के जितने भी तरीके है उन सब के बारे में मैंने एक-एक करके इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है।

SEO को समझने में कई सालों की मेहनत लगती है मैंने यह आर्टिकल कई सालों के अनुभव के आधार पर लिखा है।

अगर आपने अभी तक blogging शुरु नहीं की है तो जल्दी से शुरु करे मैं आपकी पूरी मदद करूंगा।

ब्लॉगिंग से संबंधित पूरी जानकारी आपको इसी ब्लॉग Hindivisitor.com/blogging पर मिल जाएगी।

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