DNA फुल फॉर्म, DNA सरंचना, फोटो सहित जानकारी
DNA Full Form in hindi : क्या आपने कभी सोचा है कि आपका नाक, आंख, कान, शरीर की बनावट आपके माता-पिता, दादा-दादी तथा नाना नानी से क्यों मिलती है। इन सब के लिए कौन जिम्मेदार है।
आपने सही पहचाना इन सबके लिए DNA जिम्मेदार है तो क्या, बच्चे के जन्म से पहले उसके DNA में बदलाव करके उसके अनुवांशिक गुणों को बदला जा सकता है? क्या DNA में बदलाव करके एक आदर्श मनुष्य को विकसित किया जा सकता है? आदर्श मनुष्य जिसके कभी कोई बीमारी ना हो। इसके बारे में भी आज मैं आपको विस्तार से बताऊंगा।
आज आप जानेंगे कि DNA क्या है, DNA कहां पाया जाता है, DNA कैसा दिखता है, DNA Full Form in hindi क्या होती है आदि।
Table of Contents
DNA Full Form in hindi
DNA का फुल फॉर्म “डीओक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड” (Deoxyribonucleic acid) होता है। सभी जीवित व्यक्तियों के शरीर में यूकैरियोटिक कोशिका में DNA मौजूद रहता है। DNA आनुवंशिक गुणों को (माता-पिता के गुणों को) एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले जाने का कार्य करता है।
DNA की खोज किसने की
DNA की खोज वैज्ञानिक जेम्स वाटसन तथा Francis Crick ने मिलकर 1953 में की थी। DNA की खोज के कारण ही उन्हें 1962 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। DNA का आकार किसी घुमावदार सीडी की तरह होता है।
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DNA क्या है
जैसा कि आपको पता है DNA आनुवंशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले जाने का कार्य करता है। ये आनुवंशिक गुण DNA में 4 नाइट्रोजन क्षारकों में स्टोर रहते है।
4 नाइट्रोजन क्षारकों के नाम
- एडिनिन (Adenine)
- ग्वानिन (Guanine)
- थायमिन (Thymine)
- साइटोसिन (Cytosine)
DNA कि सरंचना “Double Helix” या सीडी नुमा होती है।

DNA की संरचना में बहुत सारे “न्यूक्लियोटाइड्स” एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं।
कोशिका दो प्रकार की होती है। सभी यूकैरियोटिक कोशिका के केन्द्रक ने रेखाकार DNA होता है। इसके अलावा प्रोकार्योटिक कोशिका में DNA की आकृति वर्ताकार होती है।
इसमें दो परस्पर जुड़े सर्पिल कुण्डलिनी जैसी न्यूक्लियोटाइड एक ही केंद्रीय अक्ष के चारों और स्प्रिंग की भांति ऐंठकर द्वि कुंडलिनी नुमा आकृति बनाती है। DNA में लगभग 40 लाख न्यूक्लियोटाइड होते है।
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मानव शरीर में DNA कहां पाया जाता है
जैसा कि आपको पता है प्रत्येक व्यक्ति का शरीर छोटी-छोटी कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। DNA मुख्य रुप से कोशिका के नाभिक में पाया जाता है। कुछ मात्रा में DNA “माइटोकॉन्ड्रिया” में भी पाया जाता है।
“माइटोकॉन्ड्रिया” कोशिका में मौजूद रहता है यह भोजन से प्राप्त ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करता है। यही परिवर्तित ऊर्जा कोशिका के लिए भोजन का कार्य करती है।
DNA की संरचना
DNA की सरंचना “Double Helix” या सीडी नुमा होती है। DNA में बहुत सारे “न्यूक्लियोटाइड्स” एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं।
प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड् में एक नाइट्रोजनी क्षारक (A,G,T,C में से कोई एक), एक शुगर तथा एक फास्फेट आपस में जुड़े होते हैं।

शुगर तथा फास्फेट मिलकर DNA की Backbone बनाते हैं जिसे strand कहते हैं।
DNA में दो Strand होते हैं एक Upper Strand तथा एक Lower Strand इंसान में लगभग 300 करोड़ Strand होते हैं।

एडिनीन और थायमिन के मध्य 2 हाइड्रोजन BOND होते है तथा ग्वानिन और साइटोसीन के मध्य 3 हाइड्रोजन BOND होते है तथा A+G = T+C आपस में दोनों बराबर होते है।
नाइट्रोजन क्षारक हमेशा शुगर के 1 कार्बन के साथ जुड़ा होता है तथा फॉस्फेट 5 कार्बन शुगर तथा दूसरे न्यूक्लियोटाइड के 3 कार्बन से जुड़ा होता है।

कार्बन नंबरिंग के आधार पर ही पता चलता है कि न्यूक्लियोटाइड Upper Strand के साथ जुड़ा है या Lower Strand के साथ।
Upper Strand में कार्बन नंबरिंग 5 प्राइम कार्बन से 3 प्राइम कार्बन की तरफ तथा Lower Strand में कार्बन नंबरिंग 3 प्राइम कार्बन से 5 प्राइम कार्बन की तरफ होती है।
यह नंबरिंग DNA के replication (पुनःनिर्माण) के काम में आती है।
DNA replication कैसे होता है
एक DNA से मल्टीपल DNA का निर्माण होता है। इसे ही DNA रिप्लिकेशन कहते हैं। DNA का रिप्लिकेशन “Semi-Conservative Method” के द्वारा होता है।
Semi-Conservative Method का मतलब होता है कि नए DNA में 50% पुराना DNA होगा तथा 50% नया DNA बनेगा।
DNA रिप्लिकेशन के स्टेप्स

1. पुराने DNA का दो हिस्सों में बंटना
नया DNA बनाने के लिए पुराने DNA के कुछ भाग की जरुरत होती है। Endonucleases एंजाइम सबसे पहले पुराने DNA को बीच में से तोड़ता है। DNA उसी जगह से तोड़ा जाता है जहां से DNA मैसेज की पुनरावृत्ति होती है।
DNA मैसेज की पुनरावृत्ति से मतलब है कि DNA में नाइट्रोजन क्षारक एक सीरीज में जुड़े हुए होते हैं जैसे AGTC AGTC AGTC
इसमें AGTC की पुनरावृत्ति हो रही है इसलिए यह यही से टूटता है। प्रत्येक व्यक्ति के DNA में यह पुनरावृत्ति अलग-अलग होती है
2. DNA Unzipping प्रोसेस
DNA टूटने के बाद Unzip होता है मतलब DNA के दोनों Strand एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।
अनज़िपिंग प्रोसेस DNA “Helicase” एंजाइम के द्वारा होती है।
3. नए DNA का निर्माण
अनजिप होने के बाद DNA “Polymerase 3” Strand 1 को नए DNA में बदल देता है।
यह प्रोसेस 5 प्राइम कार्बन से 3 प्राइम कार्बन की तरफ होती है।
DNA “Polymerase 3” अकेला Strand 2 से नया DNA नहीं बना सकता है। क्योंकि यह 3 प्राइम कार्बन से 5 प्राइम कार्बन की तरफ होता है। इसके लिए एक और एंजाइम कि जरुरत पड़ती है जिसका नाम है RNA प्राइम एंजाइम।
इसकी खोज “Okazaki” ने की थी इसलिए इसे Okazaki Fragments भी कहते हैं।
इस प्रकार नए DNA का निर्माण होता है।
क्या जन्म से पहले DNA में बदलाव कर सकते हैं
DNA के द्वारा ही अनुवांशिक गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं तो क्या DNA में बदलाव करके अनुवांशिक गुणों को बदला जा सकता है? क्या आपके दिमाग में कभी यह प्रश्न आया है?
कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने भ्रूण के अंदर बच्चे के DNA में सफलतापूर्वक बदलाव किया है। DNA में बदलाव करके कई ऐसी बीमारियों से बच्चे को बचाया जा सकता है जो कि आनुवांशिक है जैसे कैंसर, एड्स, विकलांगता, पोलियो आदि।
लेकिन DNA में बदलाव की खोज करने पर पुरे विश्व में रोक लगाई हुई है क्योंकि भविष्य में इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।
क्या DNA समय के साथ बदलता है
जी हां, DNA समय के साथ बदलता है लेकिन यह बदलाव दिखने में हजारों सालों का समय लगता है।
जैसा कि बताया जाता है कि मनुष्य पहले बंदर था धीरे-धीरे DNA में बदलाव होता गया और बंदर मनुष्य में बदल गया।
जैसे-जैसे वातावरण बदलता है वैसे-वैसे सभी जीवित प्राणियों का शरीर अपने आप को भी बदल लेता है।
आपने सुना होगा कि मनुष्य के पहले बंदर की तरह पूंछ हुआ करती थी लेकिन DNA में बदलाव के कारण विलुप्त हो गई।
हमारे शरीर में DNA क्या कार्य करता है
DNA अनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले जाता है। DNA में शरीर के प्रत्येक अंग के निर्माण, जीवित रहने और पुनः निर्माण की सूचना इक्कठी रहती है।
DNA से RNA का निर्माण होता है और RNA हमारे शरीर में प्रोटीन का निर्माण करता है। प्रोटीन हमारे शरीर में मसल्स बनाने का काम करता है।
क्या मनुष्य के पसीने में DNA पाया जाता है?
DNA हमारे शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है। जैसे त्वचा, खून, मांस का टुकड़ा, जड़ से उखड़े हुए बाल और नाखून आदि लेकिन पसीने में डीएनए नहीं पाया जाता।
पसीने का निर्माण अकार्बनिक तत्त्वों जैसे नमक और पानी से होता है और इसमें जीवित कोशिका नही पाई जाती इसलिए डीएनए टेस्ट के लिए पसीने का सैंपल नहीं लिया जाता।
लैब में DNA टेस्ट का सैंपल कैसे लेते है
डीएनए टेस्ट के लिए मुख की लार का सैंपल लिया जाता है। इसके लिए रुई के फाहों की तीलियाँ काम में लेते है, जिनको गालों के अंदर की त्वचा पर हल्के-हल्के रगड़ कर DNA सैंपल लिए जाते हैं।
DNA टेस्ट का फायदा

वर्तमान में साइंस में लगभग 1200 तरह के DNA टेस्ट मौजूद है।
DNA टेस्ट की मदद किसी भी व्यक्ति के माता-पिता, दादा-दादी, खानदान तथा जातीय समूह का पता लगाया जा सकता है।
DNA टेस्ट का इस्तेमाल कई बार अपराध को सुलझाने में तथा कई बार किसी के उत्तराधिकारी का पता लगाने में किया जाता है।
किसी भी व्यक्ति के शरीर में मौजूद बीमारी का पता उसके DNA टेस्ट से चल जाता है या कोई ऐसी बीमारी जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है उसका भी पता लगाया जा सकता है।
किसी मृत व्यक्ति की पहचान करने के लिए DNA टेस्ट किया जाता है।.
DNA टेस्ट के लिए किसी भी व्यक्ति के बाल, नाखून, खून, त्वचा, मुँह की लार और पसीना किसी भी एक चीज की जरुरत होती है।
DNA टेस्ट की जांच की रिपोर्ट आने में 5 दिन से 15 दिन का समय लगता है।
DNA टेस्ट करवाने का खर्चा 10000 से ₹40000 आता है।
DNA टेस्ट की जांच करने के लिए देश में बहुत सारी recognized laboratory मौजूद है।
DNA टेस्ट का इस्तेमाल अनुवांशिक बीमारियों का इलाज खोजने में भी किया जाता है।
निष्कर्ष
DNA शरीर के निर्माण कि रेसिपी होती है इसके बिना शरीर का निर्माण नही हो सकता।
इस आर्टिकल में आपने DNA के बारे में जाना कि DNA क्या होता है, DNA Full Form in hindi क्या होती है मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।
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Very nice article