Pagoda in hindi | पैगोडा क्या होता है
Pagoda in hindi : मुंबई में स्थित भारत के प्रसिद्ध पैगोडा का नाम क्या है? क्या पैगोडा में पूजा पाठ होती है? पैगोडा एक मंदिर है या कुछ और इन सब बातो की जानकारी आज आपको यहाँ मिलेगी।
Table of Contents
Pagoda in hindi पैगोडा क्या होता है
पगोडा का उपयोग भगवान् बुद्ध या किसी संत के अवशेषों(कब्र) पर निर्मित मंदिरों जैसी आकृति के लिये किया जाता है। इन्हें स्तूप भी कहते हैं।
• एक तरह से आप भगवान बुद्ध के मंदिर को पगोडा कह सकते है।
• स्तूप एक मकबरे जैसी आकृति है जहां पवित्र अवशेषों(अपने पूर्वजों) को सुरक्षित रखा जा सकता है।
• पगोडा को विश्व शांति स्तूप(Shanti stupa) के रूप में भी जाना जाता है। पगोडा बौद्ध स्मारक है। बौद्ध भिक्षुओ द्वारा शांति स्तूप बनाने का उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करने के लिए किया गया था।
• भारत में बहुत से शांति स्तूप हैं, उनमें प्रमुख ग्लोबल विपश्यना पैगोडा मुंबई, दीक्षाभूमि स्तूप नागपुर और बुद्ध स्मृति पार्क स्तूप पटना हैं।
• पगोडा का निर्माण मुख्य रूप से नेपाल, भारत, वर्मा, इंडोनेशिया, थाइलैंड, चीन, जापान मे किया गया था।
पैगोडा कौन-कौन से आकार के होते है?
1. पिरामिड(Pyramid)
• भारत में पिरामिड के आकार के बहुत से पगोडे(pagoda) है लेकिन यहाँ उनको मंदिर के नाम से जाना जाता है। अधिकतम ऊँचाई का पैगोडा 13 मंजिलों लगभग 200 फुट तक का भी बनाया गया हैं।

2. गुंबदीय(Dome)
• भारत में गुंबदीय आकार का प्रसिद्ध पगोडा global vipassana pagoda मुंबई में है। जिसके बारे में आपको आगे विस्तार से बताया गया है।

3. वर्गाकार(Square)
• भारत तथा पूर्वी एशिया के पगोडों के शिखर पर छतरियाँ लगी हुई होती हैं। भारत में पगोडे मुख्यरुप से मंदिरों के द्वार पर तथा मुख्य मूर्तिस्थल के ऊपर बनाए जाते हैं।

4. बहुभुजीय(Polygon)
• चीन तथा जापान के पगोडों में बहुभुजीय, अथवा वृत्तीय आकृति का होता है। उसमें अनेक मंजिलें होती हैं। लेकिन ज्यादातर पाँच मंजिले होती है।
• जापानी में पगोडे लकड़ी के बने होते हैं। पगोडों के निर्माण में धातु का उपयोग का उपयोग कहीं नहीं किया जाता।
• प्रत्येक मंजिल पर छतें बाहर निकली हुयी होती है। जिनमें काँसे की घंटियाँ लटकी होती हैं।
• पगोडा(pagoda) पत्थर, ईंट, और लकड़ी का बना होता है। नीचे की मंजिल पर मूर्ति या मंदिरों की स्थापना की होती है।

5. गोलाकार(Circle)
• म्यांमार(बर्मा) में पगोडो की आकृति गोलाकार होती है यहाँ इन्हें दगोवा या चैत्य खा जाता है रंगून में लगभग दो हजार वर्ष पुराना सूले पगोडा काफी प्रसिद्ध हैं।
• इस देश में पगोडो की संख्या बहुत ज्यादा है। आपको यहाँ लगभग हर गाँव, हर मार्ग और हर मुख्य पहाड़ी पर पगोडे मिल जायेंगे।
• बर्मा में मान्यता है की इनका निर्माण करवाने से पुण्य मिलता है। इसलिए इन पगोडो में अधिकांश का निर्माण दानवीरों ने करवाया है।

चीन : चीन में मान्यता थी कि पगोडे जल और वायु को शुद्ध करते है, मनुष्यों के स्वास्थ्य एवं व्यवहार तथा फसल की अच्छी पैदावार इन सब पर अच्छा प्रभाव डालते हैं।
• कहा जाता है कि जब ये बात ताइपिंगों को पता चली तो उन्होंने अपनी योजनाओं को सफल बनाने के लिए इन पगोडो को ध्वस्त करवा दिया था।
• चीन में पगोडे स्मारक के तौर पर बनाये जाते है। इनमें ईंट, चीनी मिट्टी, हाथी दाँत, हड्डी और पत्थर की सजावट की जाती है। इनकी आकृति अष्टभुजाकार होती है। छत के कोनों पर सजावट का काम भी हुआ होता है। कुछ चीनी पगोडो में ऊपर तक सीढ़िया भी जाती है।
जापान : जापान में पगोडो का निर्माण बौद्ध धर्म के अनुयायी के द्वारा किया गया। जापान में अधिकतर पगोडो का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ। यहाँ 13 मंजिलों तक के पगोडे भी है।
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भारत में प्रमुख पगोडे
1. ग्लोबल विपश्यना पैगोडा(भारत)

• Global Vipassana Pagoda, Mumbai के केंद्र में विश्व का सबसे बड़ा पत्थर का बना गुंबद(हॉल) है जिसमें 8000 लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते है।
• आश्चर्य की बात ये है कि ये हॉल बिना किसी खंभे के बनाया गया है। इस गुंबद की ऊंचाई लगभग 29 मीटर है, जबकि इमारत की ऊंचाई 96 मीटर है।
• पगोडा में विपश्यना ध्यान पाठ्यक्रम निशुल्क करवाया जाता है यह कोर्स एक दिन या उससे ज्यादा का भी हो सकता है इसकी अधिक जानकारी आप विपश्यना पगोडा मुंबई की Official वेबसाइट से भी ले सकते है।
विपश्यना पैगोडा के निर्माण का इतिहास (Pagoda in hindi)
• इसका निर्माण कार्य वर्ष 2000 में शुरु हुआ था इस पगोडे में तीन उप-गुंबद हैं। पहला सबसे बड़ा गुंबद का निर्माण 2006 में पूरा हुआ था। उसके बाद महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेष यहाँ स्थापित कर दिए गए। इसके बाद दूसरे और तीसरे गुबंद का निर्माण वर्ष 2008 में पूरा हुआ।
• ग्लोबल विपश्यना पैगोडा में एक संग्रहालय के अंदर गोतम बुद्ध के जीवन और गैर-सांप्रदायिक शिक्षा को दर्शाया गया है।
ग्लोबल विपासना पगोडा परिसर में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:
- दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन हॉल
- बुद्ध के जीवन पर आधारित संग्रहालय
- उत्तर और दक्षिण दिशा में दो छोटे पैगोडा
- पुस्तकालय और अध्ययन कक्ष
- गुंबद के चारों ओर परिक्रमा पथ
- प्रशासनिक भवन
- घूमने के लिए भूमिगत पार्क
निर्माण सामग्री
• विपश्यना पैगोडा के गुंबद की नींव बेसाल्ट की बनी है तथा गुंबद राजस्थान से लाए गए बलुआ पत्थर से बना है।
• बलुआ पत्थर के ब्लॉकों का वजन बहुत ज्यादा होता है तथा चूने के मोर्टार(गारा) का उपयोग बीच में अंतराल को भरने के लिए किया जाता है। इसके चारो और संगमरमर बिछाया गया है।
• गुंबद के ऊपर कुछ स्थनों पर असली सोना चढ़ाया गया है, जबकि शेष पैगोडा सोने के रंग से रंगा गया है।
2. बुद्ध विहार, गुलबर्ग(कर्नाटक)
• बुद्ध विहार बौद्धों का पवित्र स्थान है। यह भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह 7 जनवरी 2007 में शुरू हुआ था।
• इसका निर्माण पारंपरिक बौद्ध वास्तुकला के अनुसार किया गया है। बुद्ध विहार परिसर की खासियत यह है की इसमें सांची का स्तूप, सारनाथ के मंदिर, अजंता की गुफाएं और नागपुर के प्रख्यात बौद्ध केंद्रों की वास्तुकला की सारी विशेषताएं हैं।
3. शांति स्तूप लेह(जम्मू-कश्मीर)
pagoda in hindi आर्टिकल में हम आपको बताते है की भारत का तीसरा सबसे प्रसिद्व पैगोडा शांति स्तूप लेह है।
• पगोडा को शांति स्तूप भी कहते है यह सफेद गुंबददार स्तूप लेह(लद्दाख) में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
• सभी शांति स्तूपों और पगोडो पर भगवान बुद्ध के अवशेषों को रखा जाता है।

महत्वपूर्ण Question and Answer
Q. विपश्यना पगोडा मुंबई के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन कौन सा है?
Ans. बोरिवली रेलवे स्टेशन। यहाँ से आप टैक्सी द्वारा वह पहुंच सकते है।
Q. विपश्यना पगोडा मुंबई में पर्यटकों के लिए फीस(Entry fees) कितनी है?
Ans. कोई शुल्क नहीं और यहाँ पर कोई टूर गाइड(Tour Guide) भी नहीं है।
Q. विपश्यना पगोडा मुंबई के गुबंद के अंदर कोई भी जा सकता है?
Ans. नहीं! आप बाहर सीसे के अंदर से देख सकते है लेकिन गुबंद के अंदर सिर्फ उन्हीं लोगो को एंट्री मिलती है जो विपश्यना मेडिटेटर(ध्यान) है।
Q. विपश्यना पगोडा मुंबई के खुलने और entry बंद होने का समय?
Ans. Monday to Sunday : 9am – 7pm (Entry का समय 6.30 pm तक only)
Q. भारत में ब्लैक(black) पगोडा के नाम से किसे जाना जाता है?
Ans. कोणार्क का सूर्य मंदिर(Konark Sun Temple) ब्लैक पगोडा के नाम से जाना जाता है कहा जाता है यूरोपीय से आने वाले नाविकों ने इसके काले रंग कारण इसे काला पैगोडा कहा था, क्योंकि यह काले ग्रेनाइट पत्थर का बना है।
Q. भारत में सफेद(White) पगोडा के नाम से किसे जाना जाता है?
Ans. जगन्नाथ मंदिर पुरी(उड़ीसा) को इसके सफेद रंग के कारण इसे सफेद(White) पगोडा के नाम से जाना जाता है।
Pagoda in hindi नामक इस लेख में हमने आपको पैगोडा तथा उसके बारे में सम्पूर्ण जानकरी देने का प्रयास किया है साथ ही साथ भारत के प्रसिद्द विपश्यना पैगोडा के बारे में भी जानकारी प्रदान की है।
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