दुनिया के सात अजूबे | Duniya ke saat ajoobe
दुनिया के सात अजूबे : कुल आबादी का 99% जनसंख्या दुनिया के सात अजूबे के नाम नहीं जानती है। क्या आप जानते है? हम आपको बताएंगे दुनिया के सात अजूबे तथा उनके बारे में सम्पूर्ण रोचक जानकारी।
दुनिया के सात अजूबे खोजने की शुरुआत कैसे हुई : दुनिया में नए सात अजूबो से पहले भी दुनिया में प्राचीन सात अजूबे थे, लेकिन ये समय के साथ धीरे-धीरे सब खत्म हो गए। स्विस कॉर्पोरेशन न्यू 7 फाउंडेशन ने दुनिया भर में 200 स्मारको को चुनने कि एक मुहिम शुरू की।
सबसे पहले 21 अजूबो की सूची 1 जनवरी 2006 को जारी की गई। उसके बाद फाइनल 7 अजूबो की सूची 7 जुलाई 2007 को लिस्बन के बेनफिका स्टेडियम में एक समारोह में जारी की गई।
दुनिया के पुराने सात अजूबे
- गीजा के पिरामिड
- बेबीलोन के झूलते बाग
- ओलम्पिया में जीसस की मूर्ति
- आर्टेमिस का मन्दिर
- रोडेस की विशाल मूर्ति
- अलेक्जेंड्रिया का रोशनीघर
इनमे से केवल एक गीजा का पिरामिड अस्तित्व में है बाकि सब खत्म हो गए।
Table of Contents
दुनिया के सात अजूबे | Seven wonder of the world in hindi
दुनिया के सात अजूबे के नाम
- ताजमहल (Taj Mahal)
- चीन की महान दीवार (Great Wall of China)
- पैट्रा (Petra)
- माचू पिचू (Machu Picchu)
- रोमन कोलोजियम (The Roman Colosseum)
- रिडीमर क्रिस्ट (Christ the Redeemer Statue)
- चिचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)
1. ताजमहल (Taj Mahal)

1.ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है।
2. ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेग़म मुमताज़ (शाहजहां की तीसरी पत्नी) की याद में करवाया था। ताजमहल को प्यार का प्रतीक माना जाता है।
3. ताजमहल मकबरे का निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1648 में पूर्ण हुआ। लेकिन ताजमहल परिसर का निर्माण 5 वर्ष बाद 1653 में पूरा हुआ।
4. ताजमहल का अर्थ है “क्राउन पैलेस”। दुनिया यह में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित और वास्तुशिल्प रूप से सुंदर मकबरा है।
5. ताजमहल को 1983 में यूनेस्को विश्व विरासत के रूप में नामित किया गया था।
6. मकबरा पूरी तरह से सफेद संगमरमर का है। तथा इसके एक तरफ यमुना नदी है और तीन तरफ लाल बलुआ पत्थर से इमारतों का निर्माण किया गया है।
7. ताज एक आभूषण की तरह चमकता है। सुबह गुलाबी, शाम को दूधिया सफेद और चाँद की रोशनी में सुनहरा चमकता है।
8. इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का अनोखा मेलजोल है।
9. मकबरे में शाहजहां तथा मुमताज़ की कब्र स्थित है। यह पर्यटकों को आकर्षित करने का मुख्य केन्द्र है।
10. ताजमहल का सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया था तथा इसके निर्माण में करीब 22000 कारीगर, मजदूर लगे थे।
11. शाहजहां, सम्राट, जो अपनी प्रेमिका की इच्छाओं को पूरा करता था, वह प्रिय रानी मुमताज महल के लिए शोक व्यक्त करने के लिए ब्लैक ताज बनाना चाहता था लेकिन मृत्यु होने के कारण अपनी इच्छा की पूर्ति नहीं कर पाया।
ताजमहल की ऑफिसियल वेबसाइट के लिए यहां click करें
2. चीन की दीवार (Great wall of China)

1.बहुत से लोग सोचते है कि चीन की दीवार का निर्माण एक ही बार में किया गया था लेकिन ऐसा नहीं है। यह छोटी-बड़ी दीवारों का समूह है जो कि अलग-अलग राजाओं के समय बनाई गई थी। जिन्हें बाद में एक साथ जोड़ दिया गया था।
2. यह राज्य “चू” था जिसने पहली बार दीवार का निर्माण किया था। आक्रमणकारियों के आक्रमणों से बचाव के लिए, सम्राट किन शी हुआंग ने सभी दीवारों को मिला दिया था। इस प्रकार यह महान दीवार अस्तित्व में आई।
3. दीवार निर्माण में पत्थर, लकड़ी तथा बाद में ईंटो का उपयोग किया गया था।
4. आज जो चीन की दीवार है उसमें से अधिकांश 5,500 मील की दूरी वर्ष 1368 से 1644 के बीच मिंग राजवंश के दौरान बनाई गई था। ट्रैवल चाइना गाइड के अनुसार करीब 20 राज्यों और राजवंशों ने चीन की महान दीवार के निर्माण में योगदान दिया।
5. वर्तमान में जो चीन की दीवार है उसको बनने में करीब 200 वर्ष का समय लगा।
6. चीन की महान दीवार को “पृथ्वी पर सबसे लंबा कब्रिस्तान” कहा जाता था। कथित तौर पर, दस लाख से अधिक लोगों ने अपना जीवन इस दीवार के निर्माण के दौरान गवा दिया।
7. ये दीवार बनाने का मुख्य उद्देश्य रक्षा तथा सीमा नियंत्रण था।
8. पुरातात्विक सर्वेक्षण में ज्ञात हुआ है कि चीन की दीवार की कुल लम्बाई 21196 km या 13170 मील है।
9. हालांकि, इतिहास में बहुत बार छापेमारी के खिलाफ महान दीवार दुश्मनों को रोकने में विफल रही, जिसमें 1644 भी शामिल था, जब मांचू किंग ने शांहई दर्रे के फाटकों के माध्यम से मार्च किया।
चीन की दीवार की ऑफिसियल वेबसाइट के लिए यहां click करें
3. पेट्रा (Petra)

1.पेट्रा दक्षिणी जॉर्डन में एक ऐतिहासिक तथा पुरातात्त्विक शहर है। माना जाता है कि इसे 900 ईसा पूर्व में बसाया गया था।
2. पेट्रा को ‘लॉस्ट सिटी’ भी कहा जाता है। क्योंकि लगभग पाँच शताब्दियों के लिए पेट्रा बाहरी दुनिया के लिए छुपा हुआ था। इसलिए इसे ‘लॉस्ट सिटी’ कहा जाता है।
3. 1812 में ‘जोहान लुडविग बर्कहार्ट’ नाम के एक स्विस खोजकर्ता ने इसकी फिर से खोज की।
4. पेट्रा शहर चट्टानी पत्थर को काट कर बसाया गया है। इसके पत्थर के रंग के कारण इसे रोज सिटी भी कहा जाता है।
5. ईसा पूर्व पहली शताब्दी के दौरान, पेट्रा को 20,000 से 30,000 लोगों का घर माना जाता था और यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर था।
6. दिसंबर 1985 को पेट्रा को विश्व विरासत स्थल नामित किया गया था।
7. पेट्रा अपने 800 व्यक्तिगत स्मारकों के लिए अधिक लोकप्रिय है जिसमें इमारतें, मकबरे, स्नानागार, मजेदार हॉल, मंदिर, मेहराबदार प्रवेश द्वार और कॉलोनडेड गलियाँ शामिल हैं, जो कि ज्यादातर केलीडोस्कोपिक बलुआ पत्थर से उकेरी गई थीं। दुनिया के सबसे पुराने महानगरों में से एक है। खुले आसमान के नीचे एक रोमन शैली का थिएटर जिसमे 3000 लोग बैठ सकते थे।
8. पेट्रा शहर में प्रवेश एक सीक के माध्यम से होता है जिसकी लम्बाई 1 किलोमीटर है जो कि दोनो तरफ 80 मीटर ऊंची चट्टान के बीच में से लहराता हुआ जाता है।
4. क्राइस्ट रिडीमर (Christ Redeemer)

➺ दुनिया के सात अजूबे में अगला नाम है क्राइस्ट रिडीमर।
1.यीशु मसीह को “रिडीमर” भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है “उद्धारक”।
2. पुर्तगाली क्रिस्टो रिंडेटोर शिखर पर यीशु मसीह की विशाल प्रतिमा माउंट कोर्कोवाडो, रियो डिजनेरियो दक्षिणी पूर्वी ब्राज़ील में स्थित है।
3. क्राइस्ट रिडीमर को ब्राज़ीलियाई ईसाई धर्म के प्रतीक के रूप में बनाया गया था। 1850 में, एक धार्मिक स्मारक बनाने का विचार पहली बार एक कैथोलिक पुजारी ने सुझाया था। लेकिन 1920 में एक समूह ने एक लैंडमार्क प्रतिमा बनाने के लिए समर्थन के लिए याचिका दायर की थी तब जाकर इनका निर्माण शुरू हुआ।
4. इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ। यह 98 फीट (30 मीटर ) ऊंची है। इसकी भुजाये 92 फीट (28 मीटर ) फैली हुई है।
5. यह एक फ्रांसीसी मूर्तिकार पॉल लेंडोस्की द्वारा निर्मित है।
6. इसका वजन 635 मीट्रिक टन है। इसका निर्माण आरसीसी तथा साबुन के पत्थर से किया गया है।
7. 10 फरवरी 2008 को मूर्ति के ऊपर बिजली गिरी जिससे अंगुलियों, सिर तथा भौहो कुछ को नुकसान हुआ। तथा 17 जनवरी 2014 को फिर से दाहिने हाथ की एक अंगुली को अलग करते हुए बिजली ने फिर से इसे क्षतिग्रस्त कर दिया जिसे बाद में रिपेयर किया गया।
5. माचू पिचू (Machu Pichu)

1.माचू का मतलब “पुराना” तथा पिचू का मतलब “कोका का चबाया हुआ भाग” या “पिरामिड” होता है।
2. माचू पिचू 15 वीं शताब्दी का एक गढ़ है जो कि दक्षिणी पेरू के पूर्वी कॉर्डिलेरा में स्थित है। यह एक पहाड़ी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2430 मीटर है आश्चर्य की बात यह है कि इतनी ऊंचाई पर लोग अपना जीवन-यापन कैसे करते थे।
3. द लार्स वे के द्वारा माचू पिचू घूमने के लिए जाने वाले पर्यटको को ऊपर तक पहुंचने में 3 से 5 दिन का समय लगता है।
4. हीराम बिंघम जो कि येल यूनिवर्सिटी में व्यख्याता थे, 1911 वह एक अलग शहर की तलाश कर रहे थे, जिसे विलबाम्बा के नाम से जाना जाता है। लेकिन उन्होंने गलती से माचू पिचू को खोज लिया।
5. यूनेस्को ने 1983 माचू पिचू को एक विश्व धरोहर घोषित किया।
6. पेरू एक अत्यन्त भूकंप संवेदनशील देश है लेकिन माचू पिचू की इमारते इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। इमारतों के पत्थर को इस प्रकार से काट कर पास-पास रखा गया है कि भूकंप आने पर ये अपने स्थान से उछल कर पुनः उसी जगह पर सेट हो जाती है।
7. माचू पिचू में बहुत अधिक वर्षा होती थी इसलिए पानी निकासी की उत्तम व्यवस्था थी। लोग अपने घरों की छत्तो पर खेती करते थे।
8. समय की गणना यहां उपस्थित इंतिहुअताना नाम के पत्थर से कि जाती थी।
9. यहां आने वाले पर्यटको कि ऊंचाई की बीमारी, बाढ़ और लंबी पैदल यात्रा के कारण मौत हो जाती है। इसलिए यूनेस्को ने माचू पिचू को डेंजर विश्व धरोहर कि सूची में डालने का विचार कर रहा है।
10. माचू पिचू को लेकर बहुत से वीडियो गेम भी बनाये गए है।
6. चिचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)

1.चिचेन इट्ज़ा किसी इमारत का नाम नही है। यह एक बड़ा पूर्व कोलम्बियाई शहर था जो 5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसे माया लोगो ने बसाया था।
2. चिचेन इट्ज़ा का अर्थ है “इट्ज़ा के कुएं के मुहाने पर या मुँह पर”। यहां चि का मतलब “मुँह या मुहाना” तथा चेन का मतलब “कुआं”।
3. चिचेन इट्ज़ा मेक्सिको में यूकाटन राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है।
4. यूनेस्को ने 1988 में चिचेन इट्ज़ा को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया।
5. चिचेन इट्ज़ा में कुकुलकैन मंदिर मुख्य पर्यटक केंद्र है। यह एक पिरामिड नुमा मंदिर है। कुकुलकैन मंदिर के अंदर एक सुरंग है जिसमे एक दूसरा मंदिर भी स्थित है।
6. द ग्रेट नॉर्थ प्लेटफॉर्म चिचेन इट्ज़ा का सबसे अधिक देखी जाने वाली साइटों में से एक है जिसमे कुकुलकैन मंदिर,ग्रेट बॉल कोर्ट और जगुआर के मंदिर शामिल है।
7. चिचेन इट्ज़ा में कई साइटे अपनी आवाज के लिए जानी जाती है। यदि आप बॉल कोर्ट के एक छोर से एक बार ताली बजाते है तो यह कोर्ट में नौ गूंज पैदा करता है।
8. यहाँ पर एक हजार स्तम्भों का समूह भी मौजूद है।
9. पुरातत्विको ने चिचेन इट्ज़ा में मेसो अमेरिकन बॉल गेम खेलने के लिए तेरह बोलकोर्टस की पहचान की है।
7. रोमन कोलोसियम (Roman Colosseum)

➺ दुनिया के सात अजूबे में आखिरी नाम है रोमन कोलोसियम।
1.यह एक अंडाकार रंगमंच (अखाड़ा) है जो इटली देश के रोम शहर में स्थित है।
2. इसका निर्माण 72 ईसा पूर्व सम्राट वेस्पासियन के शासन काल में शुरू हुआ था और उसके वारिस टाइटस के शासन में 80 ईसा पूर्व में पूरा हुआ।
3. मोर्टार(सीमेंट और बजरी का मिक्सचर) के उपयोग के बिना कोलोसियम को ट्रेवर्टीन पत्थर और तुफा से बनाया गया था। कोलोसियम का उन्नत आंतरिक डिज़ाइन भीड़ और पशु नियंत्रण दोनों के अनुरूप था।
4. एक अनुमान के मुताबिक इसमें 50000 से 80000 दर्शक बैठ सकते है।
5. इसका उपयोग 100 दिनों तक चलने वाली प्रतियोगिताओ के लिए होता था। इसमें विभिन्न पौराणिक कथाओं पर आधारित नाटक, मॉक समुद्री लड़ाई, विभिन्न जंगली जानवरों की लड़ाई जैसे स्टैग, ऑरोच, मगरमच्छ और यहां तक कि शुतुरमुर्ग जैसे विदेशी नमूने शामिल थे।
6. कोलोसियम में समाज के विभिन्न वर्गो के अनुसार बैठने की अलग-अलग व्यवस्था थी।
7. मध्य युग के दौरान, कोलोसियम को एक महल, एक कब्रिस्तान और एक आवास परिसर के रूप में भी काम में लिया गया था।
8. ऐसी मान्यता है की जब दुनिया में किसी को भी मौत की सजा सुनाई जाती है, तो कोलोसियम अपना रंग बदलता है।
9. भूकंप तथा बिजली गिरने के कारण यह आंशिक रूप से नष्ट हो गया है।
दुनिया के सात अजूबे नामक इस लेख में हमने आपको दुनिया के सात अजूबे तथा उनके बारे में सम्पूर्ण रोचक जानकारी प्रदान की है हमें आशा है कि दुनिया के सात अजूबे के बारे में यह जानकरी आपके लिए ज्ञान वर्धक साबित हुई है।
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kafi accha artcle likha hai