कोयला बनने की प्रक्रिया व कोयले के चार प्रकार
Koyla kaise banta hai : कोयला ईंधन का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है बिजली के आविष्कार से पहले केवल कोयला ही एक मात्र ऊर्जा का स्रोत था। क्या आपने कभी सोचा है कि कोयले का निर्माण कैसे होता है? कोयला जमीन में से कैसे निकला जाता है?
Table of Contents
Koyla kaise banta hai – कोयला कैसे बनता है
➺ करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर होने वाली प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, बाढ़, ज्वालामुखी का निकलना, आकाश में बिजली का गिरना आदि घटनाओं के कारण पृथ्वी पर उपस्थित पेड़ पौधों जमीन के अंदर दब गए जिस कारण कोयले का निर्माण होता है।
➺ कोयले के निर्माण अनेक steps में होता है।
(i) पीट कोयला
➺ जमीन के अंदर अधिक गर्मी होती है। इस कारण कोई कोयले का निर्माण अनेक स्टेप्स में होता है। सबसे पहले पीट कोयले का निर्माण होता है क्योंकि इस में कार्बन की मात्रा कम होती है और उसके साथ साथ अन्य पदार्थ मिले होते हैं।
(ii) Digenetic फेज
➺ जैसे-जैसे समय गुजरता है, पृथ्वी के अंदर होने वाली अभिक्रिया जैसे पृथ्वी के अंदर की प्लेटों के कारण लगने वाले दबाव, उच्च तापमान, डिहाइड्रेशन कार्बनीकरण की प्रक्रिया के कारण पीट कोयला भूरे कोयले में बदल जाता है।
➺ भूरे कोयले (लिग्नाइट कोयला) में कार्बन की मात्रा पीट कोयले से ज्यादा होती है।
➺ पीट कोयले से भूरा कोयला बनने में हजारों साल का समय लग जाता है।
(iii) Metamorphic फेज
➺ भूरे कोयले को बिटुमिनस कोयला और नॉन बिटुमिनस कोयला बनने के लिए तीसरा स्टेज पर करना पड़ता है जिसे मेटामॉर्फिक फेज (Metamorphic phase) कहते है।
➺ इस फेज में भूरे कोयले पर लगातार दबाव पड़ता है और नमी की मात्रा होती जाती है और कार्बन की मात्रा बढ़ती जाती है।
(iv) बिटुमिनस कोयला से नॉन बिटुमिनस कोयला
➺ बिटुमिनस कोयला से नॉन बिटुमिनस कोयला बनने में काफी साल का समय लगता है। बिटुमिनस कोयला सबसे उच्च गुणवत्ता का कोयला होता है।
पढ़े : बिजली कैसे बनती है : बिजली बनने के 9 तरीके
क्या पृथ्वी के दबे हुए सभी पेड़-पौधो का कोयला बन जाता है
➺ नहीं पृथ्वी पर अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग तरह का वातावरण है। किसी भी स्थान का वातावरण वहां बनने वाली चीजों असर डालता है।
➺ जिस स्थान पर बहुत अधिक ठण्ड है, उस स्थान पर कोयले के बनने के आसार बहुत काम होते है।
➺ कुछ स्थानों पर पेड़-पौधो का कोयला बन जाता है और कुछ स्थानों पर उनके खनिज पदार्थ बन जाते है और कुछ स्थानों पर सिर्फ उदासीन पदार्थ बनते है जिनका कोई उपयोग नहीं होता है।
कार्बन जलता क्यों इसमें जलने की क्षमता कहा से आती है
➺ पेड़-पौधे अपना भोजन बनाने के लिए को कार्बन डाई ऑक्साइड, पानी और सूर्य का प्रकाश ग्रहण करते है तथा ऑक्सीजन छोड़ते है जो मनुष्य के जीवित रहने के लिए बहुत जरुरी है।
➺ लेकिन जब पेड़-पौधे जलते है तो इसका उल्टा होता है। पेड़-पौधे जलने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तथा जलने पर ऑक्सीजन गैस छोड़ते है।
➺ पेड़-पौधे सूर्य से जो प्रकाश ग्रहण करते है वह प्रकाश कार्बन में बदल जाता है। और आपको पता होगा कि ऊर्जा को नष्ट नहीं किया जा सकता सिर्फ एक रुप से दूसरे रुप में बदला जा सकता है।
➺ जब करोड़ो साल बाद कोयला बनता है तो वही सूर्य का प्रकाश कार्बन के रुप में बदल जाता है जिसे जलने पर वह उष्मा उत्पन्न करता है।
कोयले के प्रकार
➺ कार्बन की उपस्तिथि के आधार पर कोयले को चार भागों में बांटा गया है। जिसमें कार्बन सबसे ज्यादा होता है वह सबसे अच्छा कोयला होता है।
- एंथ्रेसाइट (Anthracite)
- बिटुमिनस (Bituminous)
- लिग्नाइट (Lignite)
- पीट (Peat)
(i) एंथ्रेसाइट (Anthracite)
- यह सबसे उच्च गुणवत्ता का कोयला होता है।
- इसमें 93% तक कार्बन होता है।
- इसमें नमी नहीं के बराबर होती है।
- भारत में यह कोयला बहुत कम मात्रा में पाया जाता है।
- यह जम्मू और कश्मीर में पाया जाता है।
(ii) बिटुमिनस (Bituminous)
- यह दूसरे नंबर का उच्च गुणवत्ता वाला कोयला होता है।
- इसमें 84% तक कार्बन होता है।
- इसमें थोड़ी नमी होती है।
- भारत में यह कोयला सबसे ज्यादा काम में लिया जाता है।
- यह कोयला झारखण्ड, उड़ीसा, वेस्ट बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पाया जाता है।
(iii) लिग्नाइट (Lignite)
- इसमें 64% कार्बन होता है।
- इसमें उच्च नमी होती है।
- यह भूरे रंग का होता है।
- यह राजस्थान और आसाम में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- यह भारत में सबसे ज्यादा काम में लिए जाने वाले कोयले में से एक है।
(iv) पीट (Peat)
- यह सबसे निम्न क्वालिटी का कोयला है।
- इसमें 54% कार्बन होता है इसे जलने पर उच्च प्रदूषण तथा धुआँ निकलता है।
- भारत में यह कोयला झारखण्ड, राजस्थान में मुख्यतया पाया जाता है।
- इसमें नमी सबसे ज्यादा होती है।
- इसे जलाने पर ऊष्मा की मात्रा बहुत कम होती है।
पढ़े : सीमेंट कैसे बनती है
कोयले का उपयोग कहां कहां होता है
➺ सूर्य के बाद कोयला ऊष्मा का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है।
➺ कोयले की बहुत सारी उपयोग है जैसे कोयले का उपयोग खाना बनाने में किया जाता है।
➺ कोयले का उपयोग रेलगाड़ी को चलाने में किया जाता है। अब इसका उपयोग काम हो गया है।
➺ कोयले का उपयोग कारखानों में ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
➺ कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है।

जमीन में से कोयला कैसे निकला जाता है?
➺ कोयला दुनिया के हर हिस्से में पाया जाता है इसके बड़े भंडार अमेरिका, रूस, चीन और भारत में है। यह जमीन के अंदर काफी गहराई में पाया जाता है। इसको निकालने के लिए बड़ी बड़ी मशीनो और बहुत सारे आदमियों की जरुरत होती है।
➺ सबसे पहले जमीन के अंदर खुदाई की जाती है और खुदाई इस प्रकार की जाती है कि खदान नीचे ना ढह जाये।
➺ खदान में गाड़ियों के नीचे जाने के लिए एक चौड़ा रास्ता होता है जिसमे बड़े बड़े ट्रक जाते है।
➺ खदान में कई मीटर नीचे कोयले की खुदाई करने के बाद उसको गाड़ी में या फिर घूमने वाले पट्टे की सहायता से बाहर लाया जाता है।
➺ बाहर निकालने के बाद कोयले की टेस्टिंग की जाती है और उसकी गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाता है और फिर इसे ट्रांसपोर्ट कर दिया जाता है जहां इसकी जरुरत है।

उम्मीद करते है आपको जमीन के अंदर Koyla kaise banta hai की पूरी जानकारी समझ आ गई होगी।
पहाड़ कैसे बनते है प्राकृतिक पहाड़ बनने के चार तरीके
बिजली कैसे बनती है : बिजली बनने के 9 तरीके
Share
Thank you sir ………………………..
Mujhe wo jankari nhi mili Jo mujhe Chahiye Thi
I am so sorry for that. Kya aap mujhe batayenge ki aapko kya janana tha?
Thank u for This
Your Welcome!!
Bahut Achcha Apne Koyla Khan ke bare mein bataen hai bahut bahut Achcha Aise Aise Har chij Prithvi ke bare mein Hamen bataiye Taki Ham bhi Kuchh Andar Ka gun Le sakte hain Apne andar mein Jay Mata Di