GPS Full Form in hindi | GPS फुल फॉर्म
GPS Full Form in hindi : GPS Full Form in hindi “Global Positioning System” होती है। दरअसल यह रेडियो नेवीगेशन सिस्टम पर काम करता है। अंतरिक्ष में एक सेटेलाइट है जिसके द्वारा GPS काम करता है, उस सेटेलाइट का नाम है NAVSTAR GPS
यह सेटेलाइट अमेरिका की एयर फाॅर्स के द्वारा ऑपरेट किया जाता है।
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GPS क्या है
यह एक Global Navigation Satellite System (GNSS) है जो किसी भी स्थान की जिओलोकेशन (Geolocation) तथा time की जानकारी देता है।
User द्वारा GPS को किसी भी प्रकार का डाटा ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होती है। इंटरनेट के माध्यम से आप किसी की शहर या खुद की लोकेशन का पता कर सकते हैं।
GPS का इतिहास
वर्ष 1983 में एक कोरियन फ्लाइट सोवियत संघ की तरफ जा रहा था। उस समय aeroplane में GPS सिस्टम नहीं हुआ करता था। क्योंकि GPS केवल अमेरिका की फौज के लिए बनाया गया था। इस प्लेन में कुल 279 लोग सवार थे लेकिन गलती से यह प्लेन सोवियत संघ के प्रतिबंधित क्षेत्र में चला गया जिसके कारण इसे सोवियत संघ की फौज द्वारा मार गिराया गया। इस घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति “Ronald Reagan” ने फैसला किया कि GPS को पुरे विश्व में Publicly provide करवाया जायेगा।
GPS को पूरी पृथ्वी पर प्रोवाइड करने के लिए 24 सेटेलाइट की जरूरत पड़ती है। पहली सेटेलाइट 1989 को तथा 24 वी सेटेलाइट 1994 में लांच की गई थी। 1995 में GPS को पहली बार आम पब्लिक के लिए Open किया गया लेकिन उस वक्त इसकी accuracy इतनी परफेक्ट नहीं थी।
GPS कैसे काम करता है
1978 से अमेरिका अब तक GPS के लिए 72 सेटेलाइट लॉन्च कर चुका है। जिसमें से 2 सेटेलाइट की लॉन्चिंग में असफल रही
वर्तमान में इन 70 सेटेलाइट में से 33 सेटेलाइट पृथ्वी की सतह से 20,000 किलोमीटर ऊंचाई पर चक्कर लगा रहे हैं लेकिन 31 सेटेलाइट ही पूरी तरह से काम कर रही है।
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20,000 किलोमीटर ऊपर से हमारी पृथ्वी को कवर करने के लिए केवल 24 सेटेलाइट की जरूरत होती है तथा शेष बची सेटेलाइट इन 24 सेटेलाइट के गैप को fill करती है सभी स्मार्टफोन तथा GPS डिवाइस में रिसीवर लगा होता है।
जो सेटेलाइट से भेजे गए संदेश को रिसीव करता है पृथ्वी के orbit में चक्कर लगा रही प्रत्येक सेटेलाइट एक निश्चित समय अंतराल के बाद सिग्नल भेजती है।
सिग्नल में उस सेटेलाइट की पोजीशन तथा Current time होता है समय की सटीक गणना के लिए प्रत्येक सेटेलाइट में एटॉमिक क्लॉक का प्रयोग किया जाता है।
एटॉमिक क्लॉक लाखों करोड़ों साल तक बिना गड़बड़ी के सही समय बता सकती है।
मोबाइल डिवाइस सेटेलाइट द्वारा भेजे गए उसकी लोकेशन तथा टाइम के आधार पर उस सेटेलाइट की लोकेशन का पता लगाती है।
अगर GPS रिसीवर को 3 सेटेलाइट से सिग्नल मिल जाए तो GPS रिसीवर अपनी लोकेशन का सटीक निर्धारण कर सकता है।
GPS का उपयोग
- किसी व्यक्ति या स्थान की लोकेशन का पता लगाने के लिए
- किसी गाड़ी या पालतू जानवर को ट्रैक करने के लिए
- दुकान और घर में चोरी से बचने के लिए
- दुर्घटना के वक्त अपनी लोकेशन बताने के लिए
- ट्रैन या प्लेन को ट्रैक करने के लिए
- अपने देश की सीमाओं का पता लगाने लिए
विश्व के GPS सिस्टम
GPS सर्विस अमेरिका द्वारा प्रदान की जाती है। जिसे अमेरिका अपनी मर्जी के अनुसार चालू और बंद कर सकता है।
1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान अमेरिका ने भारत की GPS की सर्विस देने से मन कर दिया था ऐसी परिस्थिति किसी और देश के साथ नहीं हो इस कारण बहुत सारे देशों ने अपने-अपने GPS सिस्टम लांच किये है। जैसे
रूस | Global Navigation Satellite System |
यूरोप | Galileo Positioning System(GPS) |
चीन | BeiDou Navigation Satellite System (BDS) |
भारत | NAVIC |
GPS Full Form in hindi के इस लेख में हमने आपको GPS की फुल फॉर्म के अलावा हमने आपको यह भी बताया है कि GPS की शुरुआत कब हुयी थी GPS कैसे काम करता है GPS पूरी दुनिया के कब शुरु हुआ