समुद्र में ब्रिज कैसे बनाते है

समुद्र में ब्रिज कैसे बनाते है : आज के दौर में यातायात से निपटने का एकमात्र तरीका शायद ब्रिज निर्माण ही रह गया है। ब्रिज का निर्माण दो स्थानों के बीच की दूरी को कम करने के लिए भी किया जाता है। समुद्र में जो ब्रिज बनाया जाता है उसका निर्माण आधा जमीन पर होता है और आधा नदी या समुद्र के अंदर होता है।

जमीन तथा समुद्र दोनों प्रकार के पुल का निर्माण करने में बहुत अंतर है। पानी में ब्रिज का निर्माण जमीन पर ब्रिज निर्माण करने से बहुत कठिन है।

इस आर्टिकल की मुख्य बातें

  • ब्रिज (पुल) कितने प्रकार के होते हैं?
  • ब्रिज द्वारा भार सहने के पीछे क्या साइंस है?
  • ब्रिज कितने साल तक खड़ा रह सकता है?
  • ब्रिज बनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाता है?
  • समुद्र में ब्रिज के पिल्लर (खंभे) कैसे बनाये जाते हैं?
  • समुद्र में ब्रिज कैसे बनाते है
  • ब्रिज का रखरखाव कैसे किया जाता है?

ब्रिज कितने प्रकार के होते हैं

इंजीनियरिंग डिज़ाइन के आधार पर ब्रिज को बहुत सारे प्रकार में बांटा जा सकता है। ब्रिज का निर्माण जगह के आधार पर किया जाता है। एक प्रकार का ब्रिज सभी जगह बनाना संभव नहीं है इसलिए ब्रिज भी जगह के आधार पर बनाए जाते हैं।

(i) बीम ब्रिज

यह सबसे सरल आकृति का ब्रिज होता है। जिसमें खंभों के ऊपर लोहे की गाटर रखकर उस पर सड़क बना देते है।

बीम ब्रिज की बीम लोहे, स्टील तथा कंकरीट का use करके बनायीं जाती है।

बीम ब्रिज ऐसे स्थान पर बनाए जाते हैं, जहां पानी शांत रहता है मतलब कि पानी का बहाव में तेज नहीं होता है।

बीम ब्रिज कैसे बनाते है
बीम ब्रिज

(ii) सस्पेंशन ब्रिज

इस ब्रिज को लटकता हुआ ब्रिज भी कहते है।

यह ब्रिज उन स्थानों पर बनाया जाता है जहा पानी का बहाव काफी तेज होता है।

इस ब्रिज का फायदा यह होता है कि इसमें बीम (खंभे) काफी दूर-दूर बना सकते हैं।

उन खम्भों पर तार की मदद से ब्रिज को लटकाया जाता है।

इस प्रकार की ब्रिज पर पड़ने वाला सारा भार पहले तार के अंदर जाता है और उसके बाद तार से होता हुआ जमीन में चला जाता है।

इस प्रकार के ब्रिज के खंभे काफी मजबूत होना चाहिए।

इस प्रकार का ब्रिज लोहे, कंक्रीट और स्टील का उपयोग करके बनाया जाता है।

सस्पेंशन ब्रिज
सस्पेंशन ब्रिज

(iv) आर्च ब्रिज

ऐसा ब्रिज जिसके नीचे से गुजरने के लिए आधे चांद जैसी आकृति होती है।

इस प्रकार के ब्रिज बहुत पहले के ज़माने में बनाई जाती थी।

इस प्रकार की ब्रिज का नुकसान यह है कि इसमें खंभे बहुत पास पास बनाने पड़ते है जिससे उनकी संख्या ज्यादा हो जाती है।

इस प्रकार के ब्रिज ज्यादातर कम ऊंचाई के ही बनाये जाते है।

आज के आधुनिक युग में इस प्रकार के ब्रिज का निर्माण लगभग बहुत कम हो गया है।

Arch ब्रिज
Arch ब्रिज

(iv) Movable (मूवेबल) ब्रिज

ऐसा ब्रिज जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूव कर सकता है।

इसमें पूरा ब्रिज मूव नहीं करता है जबकि ब्रिज का कुछ हिस्सा ऊपर उठा दिया जाता है जिससे समुद्री जहाजों वहां से गुजर सकें।

अगर ब्रिज की ऊंचाई ज्यादा हो तो जहाज उसके नीचे से गुजर सकते हैं लेकिन अगर हर जगह पर ऊंचाई वाला ब्रिज बनाना संभव नहीं होता इसलिए मूवेबल ब्रिज ब्रिज बनाया जाता है।

ऐसा एक ब्रिज लंदन में थेम्स (Thames) नदी के ऊपर है जो 1894 में बनाया गया था।

मूवेबल ब्रिज कैसे बनाते है
मूवेबल ब्रिज London

ब्रिज इतना भार कैसे सहन कर सकता है

कोई भी ब्रिज तब तक भार सहन कर सकता है जब तक उस पर पड़ने वाला भार direct या indirect तरीके से जमीन में ट्रांसफर होता रहता है।

ब्रिज पर लाखो टन का भार रहता है। लेकिन वह कभी खड़ा रहता है क्योंकि सारा भार खंभों पर टिका रहता है और खम्भों से होता हुआ जमीन में चला जाता है जिससे ब्रिज पर कोई नुकसान नहीं होता।

ब्रिज कितने साल तक खड़ा रह सकता है

कोई भी ब्रिज बनाने से पहले ही यह निर्धारित हो जाता है कि यह ब्रिज कितने साल काम करेगा, उसी हिसाब से उसका निर्माण किया जाता है।

ज्यादातर ब्रिज 100 साल तक के लिए बनाए जाते हैं। मुंबई में बनाया गया Sea Link 120 साल के लिए बनाया गया है।

ब्रिज बनाने के बाद समय-समय पर इनकी मरम्मत भी करनी पड़ती है।

कुछ पुराने जमाने की ब्रिज है जो 200 साल तक पुराने हैं और अभी तक काम कर रहे हैं।

ब्रिज बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाता है

ब्रिज बनाने के लिए सबसे पहले स्थान तय किया जाता है। समुद्र के नीचे की जमीन की जांच की जाती है।

ब्रिज उस जगह बनाया जाता है जहां समुद्र की गहराई कम हो तथा नीचे कोई मजबूत आधार हो जिस पर खंभे खड़े किये जा सके।

यह भी तय किया जाता है कि किस प्रकार का ब्रिज बनाया जाएगा बीम ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज या Arch ब्रिज आदि।

अगर ब्रिज की लंबाई ज्यादा हो सस्पेंशन ब्रिज बनाते हैं लेकिन यह ब्रिज दूसरे प्रकार के ब्रिज से महंगा ब्रिज होता है।

इसके साथ साथ यह भी देखा जाता है कि ब्रिज की लंबाई कितनी होगी उसको बनाने में कितने लोहे, स्टील तथा कंक्रीट का यूज होगा समुद्र में कमी कैसे खड़ी खड़ी की जाती है।

 समुंद्र में खंभे कैसे खड़े किए जाते हैं

ब्रिज बनाने में सबसे जरूरी बात उसके बीम का निर्माण होता है इसलिए बीम (खंभे) बनाने में पूरी सावधानी बरती जाती है।

बीम बनाने के लिए समुद्र के तल में सबसे पहले कोई ठोस जगह देखते हैं उसकी गहराई मापते हैं।

उस जगह पर बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा खड्डा किया जाता है जैसे बोरवेल बनाते समय करते हैं। फिर उस बोरवेल में स्टील या लोहे का मोटा पाइप डाला जाता है।

उसके बाद पाइप के अंदर का सारा पानी बाहर निकालते हैं उसके बाद उस पाइप में सीमेंट कंक्रीट का मिश्रण तैयार करके भरा जाता है।

इस तरह एक खंभा तैयार किया जाता है एक जगह आवश्यकतानुसार एक से ज्यादा खंभे तैयार करके आपस में जोड़ देते हैं जिससे एक मजबूत खंभा तैयार हो जाता है।

समुंद्र में ब्रिज कैसे बनाते है

जैसे-जैसे खंभे बनते जाते हैं वैसे-वैसे उनको ऊपर की रोड (road) भी तैयार करते जाते हैं।

जब दो खंभे बनकर तैयार हो जाते हैं सबसे पहले बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा बड़े बड़े उन खंभो को जोड़ा जाता है।

यह सीमेंट कंक्रीट के ब्लॉक किसी दूसरी जगह पर तैयार किए जाते हैं।

ब्रिज का आधा काम बाहर कारखाने में किया जाता है और आधा काम समुद्र या नदी जहां भी पुल बनाया जा रहा हो वहा किया जाता है।

बड़े बड़े सीमेंट के ब्लॉक को समुद्र में ले जाने के लिए बड़ी-बड़ी नाव को काम में लिया जाता है वहां पहुंचने के बाद क्रेन के द्वारा इन ब्लॉक को ऊपर उठा लिया जाता है।

इस प्रकार step by step ब्रिज का निर्माण किया जाता है।

ब्रिज का रखरखाव कैसे किया जाता है

किसी भी ब्रिज को एक निश्चित समय के लिए बनाया जाता है। जैसे 100 साल, 150 साल आदि उसके बाद वह ब्रिज काम का नहीं रहता।

ब्रिज को समय-समय पर रखरखाव की भी जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि एक बार बनाने के बाद उसे कभी चेक नहीं किया जाता।

ब्रिज की मजबूती का पता लगाने के लिए बहुत सारे मीटर काम में लिए जाते हैं। जैसे मैग्नेटोमीटर, पैयोमीटर और इंफ्रारेड थर्मोग्राफी आदि।

इंफ़्रारेड थर्मोग्राफी के द्वारा के द्वारा कंक्रीट के बीच में भी गड्डो का पता लगाया जा सकता है।

समय-समय पर ब्रिज के खंभों की जांच की जाती है। अगर कहीं पर कोई गड़बड़ी होती है तो उसे तुरंत ही किया जाता है।

महत्वपूर्ण Question and Answer

Q. ब्रिज का निर्माण कौनसे इंजीनियर करते है?

Ans. ब्रिज का निर्माण सिविल इंजीनियर करते है।

Q. ब्रिज के बीम (खंभे) पानी में कैसे खड़े रहते है?

Ans. इन खम्भों को समुंद्र के तल में किसी ठोस आधार पर बनाया जाता है जिससे ये सालो तक खड़े रहते है।

Q. कौन सी आकृति सबसे मजबूत मानी जाती है?

Ans. त्रिभुजाकार आकृति को सबसे मजबूत माना जाता है।

Q. ब्रिज का कितना प्रतिशत हिस्सा कंक्रीट से बनाया जाता है?

Ans. ब्रिज का लगभग 70% हिस्सा कंक्रीट से बनाया जाता है।

Q. कंक्रीट कैसे बनाते है?

Ans. कंक्रीट सीमेंट, मिट्टी और पानी का मिश्रण होता है। इस सब को आपस अच्छी तरह मिक्स किया जाता है।

Q. बीम ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज और आर्च (Arch) ब्रिज में सबसे मजबूत कौनसा होता है?

Ans. इन सब में आर्च ब्रिज सबसे मजबूत होता है।

उम्मीद करते है कि आपको समुंद्र में ब्रिज कैसे बनाते है आर्टिकल से कुछ सिखने को मिला होगा।

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